नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ी हुई बहुत महत्वपूर्ण बात कही है. पूरी दुनिया पर कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगाना पड़ा है और इससे कारोबार को बहुत घाटा हुआ है. IMF ने अनुमान लगाया है कि पिछले 6 दशक में भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी गिरावट आने वाली है, इससे देश में कारोबार और आर्थिक वृद्धि पर बहुत प्रतिकूल असर पड़ेगा.
उम्मीद से अधिक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है- IMF
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020- 21 में पहली छमाही में आर्थिक वृद्धि में बड़ी गिरावट आ सकती है. मुद्रा कोष के अनुसार, वर्ष 2020 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में 4.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है. IMF ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5.4 फीसदी की बढ़त हो सकती है. यह उसके पहले के अनुमान के मुकाबले 0.4 फीसदी ज्यादा है.
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अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है और यह ऐतिहासिक गिरावट होगी. उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस के कारण करीब दो महीने तक लॉक डाउन लगाना पड़ा था जिसकी वजह से कारोबार और उद्योग पर बहुत प्रतिकूल असर पड़ा है. अनेक लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ गयी हैं. प्रवासी मजदूरों को भी अनेक संकटों का सामना करना पड़ा है.
2021 में अर्थव्यवस्था में आएगी तेजी- IMF
IMF ने अपने अनुमान में सकारात्मक परिणाम आने की भी उम्मीद जताई है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक 2021-22 में देश में फिर से तेजी की राह पर लौट आएगा और उस साल 6 फीसदी की मजबूत आर्थिक वृद्धि देखने को मिल सकती है. हालांकि उसने अनुमान में कटौती की है. पहले IMF ने कहा था कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.4 फीसदी की बढ़त होगी.