नीतीश कुमार तो चले गए, जाते-जाते I.N.D.I.A के लिए ये 5 चुनौतियां भी छोड़ गए

Nitish Kumar Left INDIA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के NDA में जाने से INDIA गठबंधन के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. मुद्दों से लेकर चेहरों पर ही असर पड़ा है. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jan 29, 2024, 09:51 AM IST
  • विपक्ष का बड़ा OBC चेहरा NDA में गया
  • OBC राजनीति का मुद्दा खतरे में पड़ा
नीतीश कुमार तो चले गए, जाते-जाते I.N.D.I.A के लिए ये 5 चुनौतियां भी छोड़ गए

नई दिल्ली: Nitish Kumar Left INDIA: बिहार में बदली सियासत ने पूरे देश की राजनीति के समीकरण बदल दिए हैं. विपक्षी गठबंधन INDIA के सामने नीतीश कुमार के जाने से नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. ममता बनर्जी पहले ही कांग्रेस से गठबंधन करने से इनकार कर चुकी हैं, AAP ने भी पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इसी बीच नीतीश का INDIA छोड़ NDA में जाना किसी झटके से कम नहीं है. 

INDIA गठबंधन के सामने ये 5 चुनौतियां

1. नीतीश INDIA गठबंधन के प्रमुख नेताओं में से एक थे. कई राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ उनके अच्छे संबंध थे. लेकिन नीतीश के जाने के बाद एकमात्र शरद पवार ऐसे नेता बचे हैं, जो गठबंधन की बियॉन्ड पार्टी मदद कर सकते हैं.

2. नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन INDIA के सबसे बड़े OBC चेहरा थे. मल्लिकार्जुन खड़गे दलित चेहरा हैं. इन दोनों के सहारे गठबंधन OBC और SC कैटेगिरी को साधने की दिशा में काम कर रहा था. लेकिन नीतीश के जाने से गठबंधन का OBC चेहरा तो खत्म हो ही गया, OBC राजनीति का मुद्दा भी खतरे में पड़ गया है.

3. नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय गणना कर विपक्ष को जातीय जनगणना का बड़ा मुद्दा दिया था. लेकिन अब नीतीश ही NDA में चले गए हैं तो ये मुद्दा भुनाने में विपक्ष को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. मुमकिन है कि NDA इस मुद्दे को अपनी ओर से नया रुख दे और नए सिरे से जातीय राजनीति शुरू करे.

4. नीतीश कुमार के जाने के बाद महाराष्ट्र में NCP के सुप्रीमो शरद पवार पर भी दबाव बढ़ेगा. शरद के भतीजे अजित पवार उन्हें NDA के आने को मजबूर कर सकते हैं. ममता बनर्जी और नीतीश के जाने के बाद शरद पर यह दबाव काम कर सकता है. यदि ऐसा होता है तो INDIA गठबंधन में दलों की संख्या और कम हो जाएगी.

5. नीतीश के जाने से इंडिया गठबंधन को सबसे बड़ा झटका बिहार में लगा. जब तक नीतीश महागठबंधन का हिस्सा थे, तब तक INDIA को बिहार में मजबूत माना जा रहा था. 2015 के विधानसभा चुनावों में राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन ने 42% वोट पाए. लेकिन अभी तक यह गठबंधन लोकसभा चुनाव में नहीं गया. अब राजद और कांग्रेस को नए सिरे से राजनीतिक बिसात तैयार करनी होगी.

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