नागरिकता क़ानून और सिटिजनशिप रजिस्टर दुनिया को समझायेगा भारत

भारत के CAA और NRC के बारे में अब दुनिया के देशों को जानकारी मिलेगी और पूरी पूरी मिलेगी - इस काम को अंजाम देने जा रहा है भारत     

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 3, 2020, 06:50 AM IST
    • CAA और NRC दुनिया को समझायेगा भारत
    • विदेश मंत्रालय ने उठाया बीड़ा
    • कुछ देशों की चिन्तायें दूर करेगा भारत
    • दुहरे स्तर पर कार्य कर रहा है विदेश मंत्रालय
    • सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं
नागरिकता क़ानून और सिटिजनशिप रजिस्टर दुनिया को समझायेगा भारत

नई दिल्ली. भारत का यह कदम जितना समझदारी भरा है उतना ही दूरदर्शितापूर्ण भी. दुनिया के देशों में भारत की राष्ट्रवादी सरकार के विरोधी देश के कानूनों की तस्वीर को विकृत करके दिखा रहे हैं. ऐसे में यह बहुत ज़रूरी हो जाता है कि भारत अच्छी तरह से दुनिया को समझाए कि देश का क़ानून आखिर है क्या और देश में उठाये जा रहे ये कदम क्यों ज़रूरी हैं.

 

विदेश मंत्रालय ने उठाया बीड़ा

भारतीय विदेश मंत्रालय ने ये ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली है कि वह दूसरे देशों को नागरिकता संशोधन क़ानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजनशिप अच्छी तरह से समझायेगा ताकि किसी को कोई संदेह नहीं रहे. इस कदम से भारत का अपने सही कामों के प्रति आत्मविश्वास साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर ज़्यादातर देश भारत के पक्ष को सही तरह से समझ रहे हैं. 

कुछ देशों की कुछ चिन्तायें हैं 

NRC और CAA के प्रति कुछ देशों ने अपने संदेह को स्पष्ट तौर पर प्रकट किया है जबकि कुछ देश इसे न समझ पाने के कारण किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने में असमर्थ हैं. इन देशों की चिंताओं को मद्देनज़र रख कर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने स्तर पर इन देशों को इन दोनों ही विषयों पर समझाना शुरू कर दिया है. 

दुहरे स्तर पर कार्य कर रहा है विदेश मंत्रालय 

दूसरे देशों को CAA और NRC समझाने के लिए भारत दिल्ली के दूतावासों से बात कर रहा है और उनकी गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास कर रहा है. उसी तरह विदेशों में जहां-जहां भारतीय दूतावास हैं, वे इस लक्ष्य को लेकर उस देश की सरकार और विदेश विभाग से संपर्क कर रहे हैं.

सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं 

भारतीय  विदेश मंत्रालय ने बताया है कि अब तक जिन जिन देशों से उसकी बात हुई है, अधिकांशतः वे  नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भारत के समर्थन में नज़र आ रहे हैं. वहीं कुछ देशों की प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं उस देश में उनकी भीतरी राजनीति की उपज हैं. 

चार तथ्य समझा रहा है विदेश मंत्रालय 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से मिली जानकारी के अनुसार भारत दूसरे देशों को  विदेश स्थित अपने मिशनों और दूसरे प्रतिनिधियों के माध्यम से मूल रूप से चार बिंदुओं पर समझा रहा है. प्रथम कि सीएए की प्रक्रिया भारतीय संविधान के अंतर्गत है. द्वितीय -सीएए नागरिकता देने की प्रक्रिया को गतिमान करता है. तृतीय बिंदु के अनुसार सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन रहा है और चौथे बिंदु के अंतर्गत यह भारतीय संविधान के दायरे में उठाया गया कदम है. 

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