नई दिल्ली: भारतीय सेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी सेना है. सुरक्षाबलों की संख्या के हिसाब से भी और उत्तम तकनीक व हथियारों के जखीरों के लिहाज से भी. पिछले दिनों भारतीय थलसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने आर्मी तकनीकी विकास सेमिनार में कहा था कि भारतीय सेना लगातार नए-नए प्रयोग करते जा रही है. यह प्रयोग सिर्फ जरूरत के हिसाब से नहीं किया जा रहा है बल्कि पहल के हिसाब से भी किया जा रहा है. उसी का एक नमूना दिखाया सेना के मेजर अनूप मिश्रा ने. मेजर अनूप मिश्रा ने खुद ही एक बुलेटप्रूफ जैकेट को विकसित किया है. यह एक उच्च तकनीक की तैयार की गई सुरक्षाकवच है.
स्नापर भी नहीं भेद पाएगा इस जैकेट को
Delhi: Major Anoop Mishra of the Indian Army with an Army jawan with full body protection bulletproof jacket which Mishra developed. The jacket can withstand even sniper rifle bullets from 10m distance. Mishra was also hit by a bullet on his jacket during deployment in J&K pic.twitter.com/zaj2rYEWsa
— ANI (@ANI) December 24, 2019
मेजर अनूप मिश्रा ने इसे तैयार करने के बाद सेना को सुपूर्द करते हुए यह बताया कि इस सुरक्षाकवच यानी जैकेट के पहनने के बाद एक स्नाइपर राइफल से 10 मीटर की दूरी पर फायर करने के बाद भी पहनने वाले व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होता. मेजर अनूज मिश्रा ने यह प्रयोग खुद के ऊपर कर के दिखाया था. उन्होंने जम्मू कश्मीर में इस जैकेट को पहनने के बाद खुद के ऊपर स्नाइपर राइफल से गोली मरवा कर इसका परीक्षण किया था.
सेना में हो रहे हैं नित नए प्रयोग
इसके बाद कल उन्हें भारतीय सेना के सेनाप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में मेजर मिश्रा को उनके इस तकनीकी योगदान के लिए सम्मानित भी किया था. उन्होंने कहा था कि आवश्यकता से नहीं बल्कि पहल के हिसाब से अविष्कार का जन्म होता है. भारतीय सेना में तकनीक का इस्तेमाल और हथियारों की खरीद-बिक्री भी हाल के दिनों में बढ़ाई गई है.