भारतीय सेना में धुरंधरों का ग्रुप: जो टैंक भी चलाएंगे, रफाल भी उड़ाएंगे

भारत की सेना दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है. सेना को और मजबूत बनाने के लिए एक बड़े बदलाव की तैयारी हो रही है. दरअसल सेना में एक इंडिपेंडेंट बैटल ग्रुप (IBG) बनाने की तैयारी हो रही है.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Aug 12, 2021, 10:07 AM IST
  • भारतीय सेना का सुपर प्लान IBG
  • IBG का मतलब 'अनदेखे जांबाज'
भारतीय सेना में धुरंधरों का ग्रुप: जो टैंक भी चलाएंगे, रफाल भी उड़ाएंगे

नई दिल्ली: भारतीय सेना में अगले 2 महीने के अंदर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. दरअसल सेना में सैनिकों का एक ग्रुप बनाने की तैयारी हो रही है, ये ग्रुप एक आदेश पर युद्ध के लिए टोप, टैंक और हेलीकॉप्टर समेत तैयार होगा. ये ग्रुप एक आदेश पर किसी भी सैन्य कार्रवाई के लिए रेडी होगा.

चीन-पाकिस्तान पर भारी 10 हजार

इंडिपेंडेट बैटल ग्रुप मतलब करीब 10 हजार जवानों का ऐसा समूह जो किसी भी परिस्थिति में सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार रहेगा. इस ग्रुप के पास हेलीकॉप्टर, टैंक और तोप जैसे हथियार होंगे, जिसके लिए अभी सेना में अलग-अलग रेजिमेंट है. इंडिपेडेंट बैटल ग्रुप के बनने  के बाद भारत भी अमेरिका और चीन जैसे सुपर पावर देशों की कतार में आ जाएगा.

क्यों और कैसे होगा ये बदलाव?

भारतीय सेना INDEPENDENT BATTLE GROUP यानी IBG  बनाने की शुरुआत करने जा रही है. IBG बनने के बाद भारत की युद्ध रणनीति में बड़ा बदलाव होगा. ये बदलाव क्यों और कैसे होगा?

हर एक इंडिपेडेंट बैटल ग्रुप में 8000 से 10 हजार की संख्या में सैनिक होंगे. ये ग्रुप हेलीकॉप्टर, तोप, टैंक और सिग्नल सिस्टम से लैस होगा. भारतीय सेना ने 2 साल पहले खुद को आधुनिक वॉरफेयर के लिए तैयार करना शुरू किया था, उसी कड़ी में IBG बनाने की शुरुआत होने जा रही है.

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मौजूदा समय में सेना में युद्ध करने का सबसे बड़ा संगठन कोर होता है. कोर कई डिवीजन में बंटा होता है. डिवीजन में कई ब्रिगेड होती है और ब्रिगेड में कई बटालियन होती है. टैंक के लिए अलग रेजिमेंट होती है, सिग्नल के लिए भी अलग रेजिमेंट होती है. यहां तक की आर्मी के पास हेलीकॉप्टर के लिए अलग विभाग है. भारतीय सेना में इस समय कुल 40 डिवीजन हैं, जिनमें 3 आर्मर्ड यानि टैंक और 2 आर्टिलरी यानि तोपखाने की डिवीजन हैं.

युद्ध के हालात में साबित होंगे कारगार

जब युद्ध के हालात होते हैं, तो अलग-अलग रेजिमेंट को इकट्ठा किया जाता है. ऐसे में युद्ध के वक्त अलग रेजिमेंट्स को इकट्ठा करने के लिए लंबी प्रक्रिया अपनानी पड़ती है और इसमें समय भी लगता है लेकिन इंडिपेंडेंट बैटल ग्रुप बनने के बाद लंबी प्रक्रिया खत्म होगी.

IBG में सेना से जुड़े सारे डिवीजन होंगे और ये सीधे कोर के अंडर में होंगे, जिससे कार्रवाई में बेहतर तालमेल हो सके साथ ही फैसले लेने में कम से कम समय लगे. IBG को डिवीजन की ही तरह मेजर जनरल रैंक का अधिकारी कमांड करेगा. सैनिकों का एक समूह युद्ध लड़ने के लिए ज़मीन से आसमान तक तुरंत तैयार रहेगा.

खतरे को देखते हुए IBG का गठन

सेना शुरुआत में दो इंडिपेंडेंट बैटल ग्रुप बनाने जा रही है. ये बैटल ग्रुप उत्तर और पूर्व में बनाए जाएंगे. उत्तर में अगर पाकिस्तान या फिर चीन से युद्ध की स्थिति बनती है तो ये बैटल ग्रुप तुरंत युद्ध के लिए तैयार होगा. इसी तरह देश की पूर्वी सीमा पर चीन से खतरे को देखते हुए IBG का गठन किया जाएगा.

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IBG के बनने के बाद भारतीय सेना को सैनिक कार्रवाई के लिए बेहतर ढंग से तैयार किया जा सकेगा और साथ ही बड़े सैनिक केंद्रों पर दबाव भी कम होगा.

वैसे भारतीय सेना के तीनों अंगों में एक बड़ा फेरबदल अगले कुछ महीने में होने की संभावना है. तीनों सेनाओं की अलग-अलग कमान की जगह थियेटर कमांड लेंगे. पूरे देश की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी 3 से 4 थियेटर कमांड पर होगी. अमेरिका और चीन की सेनाएं थियेटर कमांड के ढांचे पर ही काम करती हैं.

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