INS Mormugao: आज भारतीय नौसेना में शामिल होगा सबसे घातक युद्धपोत, इन मिसाइल और लॉन्चर से बना विध्वंसक

INS Mormugao: चार विशाखापत्तनम श्रेणी के INS में से यह दूसरा पोत है. राजनाथ सिंह इसे मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में नेवी में शामिल करेंगे. मोरमुगाओ की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7,400 टन है. इसमें ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी 8 मिसाइलें लगाई जाएंगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 18, 2022, 10:31 AM IST
  • मोरमुगाओ में चार पावरफुल गैस टरबाइन हैं
  • 30 समुद्री मील से ज्यादा की स्पीड है इसकी
INS Mormugao: आज भारतीय नौसेना में शामिल होगा सबसे घातक युद्धपोत, इन मिसाइल और लॉन्चर से बना विध्वंसक

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना में स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ शामिल होने जा रहा है. आज रविवार 18 दिसंबर 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसे मुंबई में नेवी में शामिल करेंगे. नौसेना डॉकयार्ड में पोत का जलावतरण  होगा. चार विशाखापत्तनम श्रेणी के INS में से यह दूसरा पोत है. 

सबसे घातक युद्ध पोत
रिपोर्ट के मुताबिक मोरमुगाओ की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7,400 टन है. इसे स्वदेश में निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में से एक माना जा रहा है.

क्या है ताकत
ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी 8 मिसाइलें लगाई जाएंगी. इस्राइल का रडार एमएफ-स्टार भी लगाया गया है. रडार सिस्टम से दुश्मन को ट्रैक किया जा सकता है. इसमें एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगे हैं. तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलिकॉप्टर भी हैं.127 मिलीमीटर गन से लैस है. 

रफ्तार
मोरमुगाओ में चार पावरफुल गैस टरबाइन हैं, जिससे ये 30 समुद्री मील से ज्यादा की स्पीड से समुद्र में चल सकता है. 

लंबी रेंज
हवा में 70 किलोमीटर तक दुश्मन पर निशाना लगा सकता है. समुद्र में 300 किलोमीटर तक दुश्मन को मारने में सक्षम है. इस युद्ध पोत का डिजाइन  भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने किया है और निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है.

कैसे पड़ा मोरमुगाओ नाम
ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर इसका नाम मोरमुगाओ रखा गया है. पहली बार आईएनएस मोरमुगाओ को 19 दिसंबर 2021 को समुद्र में उतारा गया था. उस दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की आजादी के 60 साल पूरे हुए थे.इसके निर्माण में 70 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों का उपयोग किया गया है.   नौसेना ने 2011 में इस युद्धपोत के निर्माण के लिए समझौता किया था.  पोत आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों के दौरान लड़ने में सक्षम है. हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए माना जा रहा है कि मोरमुगाओ से भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा. वहीं यह युद्ध पोत भारत की पोत निर्माण क्षमता का भी प्रतीक है. 

इसे भी पढ़ें: बॉयकॉट ट्रेंड के बीच शाहरुख खान ने 'पठान' को बताया 'देशभक्ति' फिल्म, फैंस से की खास अपील

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़