नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल केंद्रीय स्कूली सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा सहायक शिक्षक, समूह ‘सी’ और ‘डी’ कर्मियों की भर्ती के लिए वर्ष 2016 में कराई गई चयन परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया गया था. यह दावा भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितता की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में दाखिल रिपोर्ट में किया है.
ओएमआर शीट के मूल्यांकन में गड़बड़ी
यह भर्ती नौंवी से 12वीं कक्षाओं के लिए की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि आयोग ने ओएमआर की जांच और मूल्यांकन की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंपी थी. सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान एसएससी कार्यालय से जब्त आंकड़ों और निजी एजेंसी के पूर्व कर्मी से प्राप्त तीन हार्ड डिस्क के आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि 'ओएमआर शीट के मूल्यांकन में बड़े पैमाने में गड़बड़ी की गई थी.'
एसएससी की भूमिका उस समय सवालों के घेरे में आई जब उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान उम्मीदवारों ने दावा किया था कि उन्हें गलत तरीके से राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्ति देने से इनकार किया गया है. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कई याचिकाओं पर संज्ञान लेते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिया था.
ओएमआर शीट को किया गया था स्कैन
उम्मीदवार सेताब उद्दीन की याचिका पर न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय द्वारा दिए गए आदेश के तहत सीबीआई ने गुरुवार को हलफनामा के रूप में अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश की. रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा कि निजी एजेंसी ने सभी ओएमआर शीट को एसएससी के कार्यालय में स्कैन किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी ने स्कैन ओएमआर शीट का मूल्यांकन करने के बाद सारिणी बनाई और नतीजे आयोग से साझा किए, एसएससी ने मूल्यांकन के बाद अंकों को अपने कार्यालय डाटाबेस में अपलोड किया.
रिपोर्ट के मुताबिक जांच के दौरान सीबीआई ने एसएससी के कार्यालय डाटाबेस को जब्त कर लिया जिसमें समूह ‘सी’और ‘डी’ कर्मियों की भर्ती और नौंवी से 12वीं कक्षा के सहायक शिक्षकों की भर्ती संबंधी आंकड़े थे.
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