ISRO का इस साल का पहला मिशन, छोटे रॉकेट SSLV की सफल लॉन्चिंग की

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) एलवी डी2 ने शुक्रवार को यहां से उड़ान भरी तथा ईओएस-07 उपग्रह और दो अन्य उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया. अपनी दूसरी विकास उड़ान में एलवी डी2 ने पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह ईओएस-07 और दो अन्य उपग्रहों के साथ उड़ान भरी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 10, 2023, 10:34 AM IST
  • तीनों उपग्रहों को कक्षा में किया स्थापित
  • पिछले साल सफल नहीं हो पाया था प्रक्षेपण
ISRO का इस साल का पहला मिशन, छोटे रॉकेट SSLV की सफल लॉन्चिंग की

नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) एलवी डी2 ने शुक्रवार को यहां से उड़ान भरी तथा ईओएस-07 उपग्रह और दो अन्य उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया. अपनी दूसरी विकास उड़ान में एलवी डी2 ने पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह ईओएस-07 और दो अन्य उपग्रहों के साथ उड़ान भरी.

एलवी डी2 ने तीनों उपग्रहों को कक्षा में किया स्थापित
दो अन्य उपग्रहों में एक अमेरिका के अंतारिस की ओर से निर्मित जानुस-1 है और दूसरा चेन्नई स्थित ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ के आजादीसैट-2 है. यह इसरो का इस साल का पहला मिशन है. इसरो ने बताया कि एलवी डी2 ने तीनों उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया. 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया प्रक्षेपण साढ़े छह घंटे की उलटी गिनती के बाद 34 मीटर लंबे रॉकेट को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया. इसरो को छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन बाजार में सफलता हासिल करने के लिए इस प्रक्षेपण से काफी उम्मीदें हैं. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आजादीसैट को देश के ग्रामीण इलाकों से आने वाली 750 लड़कियों ने मिलकर बनाया है. इसका वजन लगभग 8.7 किलो है.

पिछले साल सफल नहीं हो पाया था प्रक्षेपण
बता दें कि पिछले साल 7 अगस्त को इसी रॉकेट से दो सैटेलाइट छोड़ी गई थी, जिनका प्रक्षेपण सफल नहीं हुआ था. आखिरी स्टेज में एक्सेलेरोमीटर में गड़बड़ी होने के कारण ईओएस-02 और आजादीसैट उपग्रह गलत कक्षा में पहुंच गए थे. 

तब इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा था कि सिर्फ दो सेकेंड की गड़बड़ी के कारण रॉकेट ने सैटेलाइट्स को दूसरी कक्षा में प्रक्षेपित कर दिया था. एसएसएलवी का इस्तेमाल छोटी सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए होता है. इसकी लंबाई 34 मीटर है. इसका व्यास 2 मीटर है. एसएसएलवी का वजन 120 टन है. एसएसएलवी महज 72 घंटे में तैयार हो जाता है.

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