सोनिया गांधी को शपथ ग्रहण में आमंत्रण देने खुद दिल्ली पहुंचेगे हेमंत सोरेन

झारखंड के होने वाले सीएम हेमंत सोरेन अपनी पार्टी के सभी घटक दलों के बीच सामंजस्य बिठाने के लिहाज से सभी प्रमुखों से मिलकर आशीर्वाद ले रहे हैं. अब सोरेन कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मिल कर उन्हें शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित करने के दिल्ली पहुंचने वाले हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 25, 2019, 11:12 AM IST
    • राजनीति में आशीर्वाद की अहमियत समझते हैं जूनियर सोरेन
    • रघुबर दास ने ली हार की जिम्मेदारी
 सोनिया गांधी को शपथ ग्रहण में आमंत्रण देने खुद दिल्ली पहुंचेगे हेमंत सोरेन

रांची: झारखंड में चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी झामुमो के मुखिया हेमंत सोरेन अब प्रदेश के 11वें मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. इससे पहले जूनियर सोरेन महागठबंधन के सभी घटक दलों में विश्वास बनाए रखने की पहल कर रहे हैं. 27 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में हेमंत सोरेन की ताजपोशी होगी और वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस मौके पर वे सभी की शुभकामनाएं बटोरना चाहते हैं.

मंगलवार को उन्होंने कहा था कि वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले राजद सुप्रीमो लालू यादव से मिलने रिम्स जाएंगे. अब हेमंत सोरेन ने जानकारी दी है कि वे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मिल कर उन्हें शपथ ग्रहण में आमंत्रित करने दिल्ली पहुंचेगे. 

राजनीति में आशीर्वाद की अहमियत समझते हैं जूनियर सोरेन

राजनीति में आशीर्वाद की क्या अहमियत होती है, यह बात हेमंत सोरेन भलिभांति समझते हैं. किसी भी शिष्टाचार मुलाकात में आगे की राजनीति क्या हो, इसकी दिशा तय कर ली जाती है. हेमंत सोरेन जानते हैं कि राजनीति में उन्हें किन दो धुरंधरों का आशीर्वाद मिला है. वो यह भी जानते हैं कि राजद और कांग्रेस की जोड़ी केंद्र में भी हिट रही है. राजद के लालू यादव से तो उनके रिश्ते हमेशा से मधुर रहे हैं, लेकिन राज्य में अपनी नई घटक दल कांग्रेस से उन्हें सामंजस्य बिठाने की जरूरत है और इसकी कुंजी फिलहाल तक तो अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी के हाथों में है. 

रघुबर दास ने ली हार की जिम्मेदारी

झामुमो ने झारखंड चुनाव में कांग्रेस और राजद के साथ मिल कर भाजपा को शानदार पटखनी दी है. पिछले दिनों परिणाम के बाद जहां एक ओर सोरेन सबका आशीर्वाद लेते नजर आए, वहीं दूसरी ओर पूर्व सीएम रघुबर दास ने हार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की हार का जिम्मेदार वो खुद हैं, भाजपा आलाकमान नहीं. झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन की आगामी सरकार क्या नए आयाम लिखने वाली है, यह तो आने वाले दिनों में पता चल ही जाएगा.

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