येदियुरप्पा ने CM की कुर्सी को लेकर दिया बड़ा बयान, उधर लिंगायत संतों का प्रदर्शन जारी

येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी आलाकमान की ओर से अभी तक इस बारे में कोई संदेश नहीं आया है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 23, 2021, 10:11 AM IST
  • कर्नाटक में जारी है सियासी उठापटक
  • जानिए क्यों कर रहे हैं लिंगायत संत प्रदर्शन
येदियुरप्पा ने CM की कुर्सी को लेकर दिया बड़ा बयान, उधर लिंगायत संतों का प्रदर्शन जारी

बेंगलुरुः कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने गुरुवार को कहा कि वह राज्य का दौरा जारी रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि भाजपा 2023 के विधानसभा चुनावों में कर्नाटक को बरकरार रखे और 2024 के आम चुनावों में भी 25 सीटें जीतें. वह 10-15 साल पार्टी की मजबूती के लिए काम करेंगे.

पद छोड़ने का अभी निर्देश नहीं
येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी आलाकमान की ओर से अभी तक इस बारे में कोई संदेश नहीं आया है. उन्होंने कहा, मैं अभी भी 25 जुलाई (रविवार शाम) को उनके निर्देशों का इंतजार कर रहा हूं. उस दिन (रविवार) को सब कुछ साफ हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वह पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे.

हर फैसले के लिए तैयार
उन्होंने कहा कि वह मानसिक रूप से दोनों परिदृश्यों (मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ-साथ) के लिए मानसिक रूप से तैयार थे क्योंकि सब कुछ 25 जुलाई को पार्टी के फैसले पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा, दबाव क्या है? मैंने दो महीने पहले ही सीएम पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. इसलिए कोई दबाव नहीं है और न ही मैं तनाव में हूं.

लिंगायत संतों का प्रदर्शन जारी
 कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा अपने समुदाय के संतों और समर्थकों से भाजपा के केंद्रीय नेताओं के फैसले का विरोध नहीं करने की अपील करते रहे, गुरुवार को सौ से अधिक वीरशैव-लिंगायत संतों ने अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए उनके आवास पर एक लाइन बनाई.

पिछले तीन दिनों से वीरशिव-लिंगायत सहित विभिन्न समुदायों के साधु उनसे मिल कर एकजुटता व्यक्त कर रहे हैं. संतों के एक वर्ग ने यहां तक कि धमकी दी है कि अगर केंद्रीय नेताओं ने येदियुरप्पा की जगह दूसरे को लाने का फैसला किया, तो राज्य में आगामी चुनावों के दौरान भाजपा को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

पिछले तीन दिनों में पहली बार, येदियुरप्पा ने खुले तौर पर संकेत दिया है कि वह 26 जुलाई को कार्यालय में दो साल पूरे करने के बाद इस्तीफा दे देंगे. मैसूर क्षेत्र के 100 से अधिक वीरशैव-लिंगायत संतों ने गुरुवार को कुमार कृपा गेस्ट हाउस से एक प्रतीकात्मक मौन मार्च निकालते हुए मुख्यमंत्री को अपना बिना शर्त समर्थन व्यक्त किया, जो येदियुरप्पा के आधिकारिक निवास कावेरी से सिर्फ 250 मीटर की दूरी पर है.

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