सरहद पर चीन को हद बताने वाले शक्तिशाली T-90 भीष्म की खासियत जानिए

भारत-चीन सरहद पर T-90 भीष्म टैंक सबसे बड़ा लड़ैया साबित होगा. आखिरकार इस ताकतवर टैंक में ऐसी कौन-कौन सी खासियत है जो इसे गेमचेंजर बनाती है? इस रिपोर्ट में जानिए..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 25, 2020, 01:40 PM IST
    • शक्तिशाली T-90 भीष्म की क्या है खासियत?
    • टी-90 भीष्म टैंक की ताकत के आगे पस्त हो चीन
    • ये सारी खासियत उसे सबसे बड़ा लड़ैया बनाती है
सरहद पर चीन को हद बताने वाले शक्तिशाली T-90 भीष्म की खासियत जानिए

नई दिल्ली: लद्दाख के रण में भारत ने भीष्म टैंक को उतारकर चीन को साफ संदेश दे दिया है. इस बार वो चीन से आर पार के लिए पूरी तरह तैयार है. टी नाइंटी भीष्म की खासियत उसे लद्दाख का सबसे बड़ा लड़ैया बनाती है.

T-90 भीष्म की कौन-कौन सी खासियत?

चीन चाहें कितनी भी गुस्ताखी कर ले उसे उसकी हद बताने के लिए भारत भी फुल एक्शन मूड में है, चलिए अब आपको बताते हैं टी नाइंटी टैंक की वो कौन सी खासियत हैं. जिसकी वजह से हम कह रहे हैं. ये लद्दाख में गेम चेंजर साबित होगा.

टी 90 भीष्म टैंक की ताकत को जानिए

-  60 सेकेंड में 8 गोले फायर करता है
- टैंक में अचूक 125 Mm की मेन गन
- 6 Km दूर मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता
- 48 टन वजन, दुनिया के हल्के टैंकों में एक
- दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता
- मिसाइल हमले को रोकने वाला कवच
- न्यूक्लियर-बायोलॉजिकल-कैमिकल युद्ध में सक्षम
- शक्तिशाली 1000 हॉर्स पावर का इंजन
- 72 Km/घंटे की तेज़ रफ्तार
- एक बार में 550 Km की दूरी तय करने में सक्षम

दुश्मन के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनेगा T-90

अब आप समझिए कैसे लद्दाख के खुले मैदानों  में टी नाइंटी दुश्मन के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनेगा. लद्दाख के खुले मैदान में टैंक महत्वपूर्ण हथियार साबित होगा. क्योंकि लद्दाख के डेमचौक और स्पांगुर गैप में रेतीली जमीन है. रेतीली जमीन पर टैंक तेजी से आगे बढ़ सकते हैं. डेमचौक और स्पांगुर गैप से चीन का हाई वे 50 Km दूर है. ऐसे में चीन का हाई वे भारतीय टैंकों का आसान निशाना बनेगा.

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अब आप लद्दाख में भीष्म टैंक की मौजूदगी का मतलब समझिए. इसे लद्दाख में भारतीय सेना का सबसे बड़े शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. भारतीय सेना अब युद्ध जैसे हालात के लिए तैयार है. यानी भारतीय सेना अब दुश्मन से एक कदम आगे है. क्योंकि सीमा पर चीन का अतिक्रमण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. घुसपैठ के इलाके से चीन को पीछे हटना ही होगा.

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