जानें देश के किस पुलिस स्टेशन में है संगीत कक्ष, शाम को पुलिसकर्मी गाते हैं लता-किशोर के गाने

पुलिसकर्मी अपराध के मामलों का पर्दाफाश करने के बाद इस थाने में संगीत का आनंद लेते हैं. यह थाना महाराष्ट्र के पुणे के लश्कर में है. यहां संगीत कक्ष है. संगीत कक्ष केरीओके सिस्टम, स्पीकर और साउंड मिक्सर से सुसज्जित है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 15, 2023, 11:11 AM IST
  • कड़ी मेहनत के बाद पुलिसकर्मी इस कमरे में आराम करते हैं
  • पुलिसकर्मी तनावमुक्त होने के लिए संगीत का सहारा लेते हैं
जानें देश के किस पुलिस स्टेशन में है संगीत कक्ष, शाम को पुलिसकर्मी गाते हैं लता-किशोर के गाने

पुणे: पुणे शहर के छावनी क्षेत्र में स्थित यह थाना शायद देश और महाराष्ट्र का पहला ऐसा थाना है, जिसमें ‘संगीत कक्ष’ है. यह संगीत कक्ष केरीओके सिस्टम, स्पीकर और साउंड मिक्सर से सुसज्जित है. लगातार दबाव एवं तनाव के माहौल में काम करने के बाद पुणे के लश्कर थाने में तैनात पुलिसकर्मी स्वयं को तनावमुक्त करने के लिए संगीत का सहारा लेते हैं. 

पुराने लोकप्रिय गाने गाते हैं
दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद पुलिसकर्मी इस कमरे में आराम करते हैं, लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मोहम्मद रफी और अन्य गायकों के पुराने लोकप्रिय गाने गाते हैं. 

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
वरिष्ठ निरीक्षक अशोक कदम ने कहा, ‘‘कोविड-19 का कहर कम होने के बाद अपने कर्मियों को तनावमुक्त करने के लिए हमने डॉ. संतोष बोराडे की सहायता से एक संगीत चिकित्सा सत्र आयोजित किया.’’ डॉ. बोराडे के सुझाव पर थाने में एक छोटा स्पीकर और माइक लगाया गया है. डॉ. बोराडे  संगीत की मदद से उपचार करते हैं. 

थाना हमेशा ‘बंदोबस्त ड्यूटी’ के दबाव में
कदम ने कहा, ‘‘चूंकि हमारा थाना हमेशा ‘बंदोबस्त ड्यूटी’ के दबाव में रहता है और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, इसलिए कर्मचारियों को इस तरह की (मानसिक) राहत की जरूरत थी.’’ माइक और स्पीकर मिलने के बाद थाने के कई पुलिसकर्मी गायन का आनंद लेने लगे. 

गुरुद्वारे ने मदद की
अधिकारियों ने तब सोचा कि उन्हें केरीओके सिस्टम, मिक्सर और सिंगिंग माइक जैसे कुछ उच्च-स्तरीय उपकरण खरीदने चाहिए. एक स्थानीय गुरुद्वारे ने उन्हें उपकरण दिलाने में मदद की. कदम ने कहा, ‘‘आज हमारे पास पुलिस अधिकारियों और कांस्टेबल सहित लगभग 15 पुलिसकर्मी हैं, जो संगीत कक्ष में नियमित रूप से गाना गाते हैं.’’ यह पता चलने पर पुलिस आयुक्त और संयुक्त पुलिस आयुक्त सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने थाने के कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया. 

क्या बोले गायक पुलिसकर्मी
उपनिरीक्षक विनायक गुर्जर को गाना हमेशा से पसंद था, लेकिन नौकरी की वजह से यह शौक पीछे छूट गया. अब वह हर दिन ड्यूटी के बाद अपने पसंदीदा संगीत का अभ्यास करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम में से करीब पंद्रह कर्मी शाम सात बजे के बाद संगीत कक्ष में इकट्ठा होते हैं और गाते हैं.’’ उन्होंने कहा कि कभी-कभी स्थानीय संगीत प्रेमी भी उनके साथ संगीत सत्र में शामिल हो जाते हैं. 

हेड कांस्टेबल रहीशा शेख
पुलिस हेड कांस्टेबल रहीशा शेख दिन का काम खत्म करने के बाद कुछ देर गाने का अभ्यास करती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा विश्वास कीजिए, यह बहुत सुकून और राहत देने वाला होता है.’’ 

निरीक्षक कदम के अनुसार, तनाव का स्तर कम होने से काम की उत्पादकता भी बढ़ गई है और अगर कर्मियों को कोई अतिरिक्त आधिकारिक काम सौंपा जाता है तो वे शिकायत नहीं करते हैं. इस पहल से महत्वपूर्ण लाभ यह हुआ है कि आम तौर पर अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को साझा नहीं करने वाले कर्मियों ने अब अधिकारियों के साथ खुलकर बात करना शुरू कर दिया है.’’

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