दिल्ली ही नहीं कोलकाता में भी कई जगह वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में, हेल्थ को लेकर खड़ी हुई गंभीर चिंताएं

Kolkata AQI: पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (wbpcb) के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कोलकाता के बालीगंज में दोपहर एक बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 309, विक्टोरिया मेमोरियल में 310 और फोर्ट विलियम में 309 दर्ज किया गया. 

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Nov 24, 2023, 03:58 PM IST
  • दक्षिण कोलकाता के बालीगंज में AQI 309
  • श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ने लगीं
दिल्ली ही नहीं कोलकाता में भी कई जगह वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में, हेल्थ को लेकर खड़ी हुई गंभीर चिंताएं

Kolkata AQI: दिवाली और काली पूजा के 11 दिन बाद भी शुक्रवार को कोलकाता में कई जगह वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में रही, जिससे गंभीर स्वास्थ्य चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं. पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (wbpcb) के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कोलकाता के बालीगंज में दोपहर एक बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 309, विक्टोरिया मेमोरियल में 310 और फोर्ट विलियम में 309 दर्ज किया गया. 

उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में पर्यावरण के लिहाज से AQI 'बेहद खराब' श्रेणी में रहा और यह दर्शाता है कि सर्दी के आगमन पर 24 घंटे में स्थिति कैसे खराब हुई है. अधिकारी ने बताया कि शहर के उत्तरी हिस्से में विधाननगर में AQI 286, रवींद्र भारती विश्वविद्यालय में 218 और जिले के दक्षिण में स्थित रवींद्र सरोवर में एक्यूआई 260 यानी 'खराब' श्रेणी में रहा.

एक सप्ताह पहले तक, AQI 100 से 200 (मध्यम) के बीच था, जबकि मंगलवार को शहर में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 160 से 220 के बीच था. 

AQI को समझें
शून्य और 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब', 401 और 450 के बीच को 'गंभीर' और 450 से ऊपर को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

अधिकारी ने बताया कि काली पूजा और दीपावली के दौरान शहर भर में AQI 189 से 255 के बीच दर्ज किया गया था, लेकिन सर्दियां शुरू होते ही न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने के बाद श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ने लगीं. 

उन्होंने कहा, 'एक्यूआई 201 और 300 के बीच होने पर स्वास्थ्य चेतावनी जबकि 300 से अधिक एक्यूआई होने पर आपातकालीन स्वास्थ्य स्थिति की चेतावनी दी जाती है.'

पर्यावरणविद् सोमेंद्र मोहन घोष ने कहा, 'अगर कुछ दिनों में विक्षोभ या अन्य मौसमी परिस्थितियों के कारण बारिश नहीं हुई तो पूरी आबादी के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है.'

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