नई दिल्ली: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को खाकी और काले कोट के बीच छिड़ा खूनी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है. यही वजह है कि तीस हजारी हिंसा मामले को लेकर अब देश के कई राज्यों में वकीलों का विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है.
देशभर में बरपा हंगामा
राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के वकील अब दिल्ली के वकीलों के समर्थन में उतर आए हैं. और आज हड़ताल के साथ-साथ कामकाज ठप रखने का भी ऐलान किया है. राजस्थान बार काउंसिल ने तो बयान जारी कर यहां तक कह दिया है दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के खिलाफ जिस तरह की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
कानपुर में ट्रैफिक पुलिस को पीटा
दिल्ली से शुरू हुए विवाद का असर उत्तर प्रदेश के सड़कों पर भी दिखने लगा है. यूपी के कानपुर में तीस हजारी कोर्ट की घटना से गुस्साए वकीलों ने एसएसपी ऑफिस पर जमकर पत्थरबाजी की. इसके अलावा उन्होंने पुलिस की गाड़ियों के शीशे भी तोड़ दिए. कानपुर में वकीलों ने सिर्फ एसएसपी ऑफिस नहीं बल्कि वीआईपी रोड़ जाम करके गाड़ियों के शीशे तोड़ने के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस की पिटाई भी कर दी. जिसके बाद से हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं.
देशभर के वकील का बवाल
2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस के साथ झड़प में घायल हुए वकीलों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने भी इंडिया गेट पर धरना दिया. इसके अलावा दिल्ली के कई कोर्ट में वकीलों की हड़ताल होती दिखी, इस दौरान पुलिस से झड़प के अलग-अलग मामले सामने देखे गए.
#Delhi: Supreme Court lawyers hold protest at India Gate, in support of the lawyers who were injured in the clash with police at Tis Hazari Court on 2nd November. pic.twitter.com/87r3VV4lAH
— ANI (@ANI) November 4, 2019
वकील और पुलिसवालों के बीच हुए झड़प में साकेत और कड़कड़डूमा कोर्ट की हिंसा की चर्चा हर तरफ हो रही है. दोनों ही जगह पर वकीलों की उत्पात कैमरे में कैद हुई है. तस्वीरों में पुलिसवालों पर वकील हमलावर होते दिख रहे हैं. साकेत कोर्ट के बाहर की तस्वीरों में एक वकील बाइक सवार पुलिसवाले को मारता दिखाई दे रहा है. इन तस्वीरों में पुलिसवाला वहां से बचके अपनी बाइक निकालने की कोशिश कर रहा है. लेकिन उग्र वकील पहले उसपर थप्पड़ चलाता रहा और फिर बाइक से जाते हुए पुलिस के जवान को हेटमेट फेंककर मार देता है.
While I stand in solidarity with those lawyers who were shot at & beaten up by police in Tis Hazari court and seek exemplary action against erring officials, I STRONGLY condemn such behaviour by these lawyers outside Saket Court.
It's absolutely shameful. pic.twitter.com/nwQ0fSKpiB— Amit Chaturvedi (@Amit_knc) November 4, 2019
दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में भी वकीलों का ताडंव देखने को मिला, यहां पुलिस वाले तो पुलिसवाले सड़क से गुजर रहे आम आदमी को भी वकीलों ने अपने गुस्से का शिकार बना डाला. नीचे दिए एक वीडियो को देखिए, इसमें किस तरह से अपनी गाड़ी से जाते हुए एक शख्स को पहले वकीलों ने रोका और डंडे से पीटने लगे.
Commuters thrashed by #lawyers outside Karkardooma court. #DelhiPolice pic.twitter.com/IzeqJ0aNaj
— Saurabh Trivedi (@saurabh3vedi) November 4, 2019
6 हफ्ते में रिपोर्ट देने का आदेश
वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. और 6 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है. इस जांच में सीबीआई डायरेक्टर के अलावा आईबी और विजिलेंस डायरेक्टर के साथ-साथ सीनियर अधिकारी भी होंगे. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दलील दी कि तीस हजारी हिंसा मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. हालांकि हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को घायल वकीलों के बयान दर्ज करने और आरोपी पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करने का भी निर्देश दिया है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को घायल वकीलों का एम्स में इलाज कराने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को घायल वकीलों को फौरन मुआवजा देने को भी कहा. रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़प में घायल वकीलों से मिलने सेंट स्टीफन्स हॉस्पिटल पहुंचे. केजरीवाल ने भरोसा दिलाया कि जो भी वकील इस घटना में घायल हुए हैं दिल्ली सरकार उनका पूरा खर्च उठाएगी. इसके साथ ही सीएम केजरीवाल ने इस घटना की कड़ी निंदा की है.
मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. यही वजह है कि तीस हजारी अदालत परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. आपको बता दें पार्किंग को लेकर हुए इस पूरे विवाद में पुलिस और वकीलों के बीच मामूली सी कहासुनी ने हिंसक रूप ले लिया. जिसकी एक दो नहीं बल्कि दर्जनभर तस्वीरें और सीसीटीवी वीडियो सामने आए. जिसमें ना सिर्फ वकीलों की गुंडागर्दी कैमरे में कैद हुई बल्कि पुलिसवाले भी कानून का जमकर मखौल उड़ाते नजर आए. इस मामले में अभी तक 4 FIR दर्ज हो चुकी हैं और जांच जारी है.