नई दिल्ली: पूरी दुनिया के वामपंथी और मजहबी कट्टरपंथियों की लॉबी ने एक बार फिर साजिश रची है. अमेरिका उसकी चपेट में आ गया है. वहां के कई राज्य गृहयुद्ध की आग में झुलस रहे हैं. सड़कों पर हिंसा फैली हुई है. अब ऐसी ही हिंसा और बर्बरता का नग्न नृत्य ये मानवता विरोधी भारत में करना चाहते हैं.
दिल्ली में फिर से दंगा फैलाने की तैयारी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इसी साल 23 फरवरी को जबरदस्त दंगा भड़क चुका है. जिसे बड़ी मुश्किल से नियंत्रित किया गया. लेकिन बीच में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के कारण दंगाईयों के तेवर ठंडे पड़ गए थे. लेकिन अब मार्च के आखिरी हफ्ते से शुरु लॉकडाउन में राहत दी जा रही है.
राष्ट्रविरोधी तत्व एक बार फिर से इसका फायदा उठाते हुए दंगा भड़काने की साजिश रच रहे हैं.
इसकी सूचना मिलने पर दिल्ली पुलिस अलर्ट हो गई है. इसको लेकर दिल्ली के सभी जिलों के डीसीपी को आगाह किया गया है. सभी डीसीपी से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में कानून व्यवस्था के इंतजामों को लेकर सजग रहें और फोर्स को तैनात रखें.
दरअसल फरवरी के महीने में दिल्ली में हुए दंगों में लगभग 50 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा बुरी तरह घायल हो गए थे. जिसमें कई बेगुनाह मासूम शामिल थे. जिसे देखते हुए दिल्ली पुलिस किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है.
सोशल मीडिया से दिल्ली पुलिस को भनक लगी
दिल्ली में दंगा और विरोध प्रदर्शन की आग भड़काने की साजिश ह्वाट्सएप्प ग्रुप पर चल रही है. अभी तक कोरोना वायरस के डर से घरों में दुबके दंगाई सक्रिय होने लगे. जिसकी भनक पुलिस को लग गई. जिसके बाद पुलिस तुरंत हरकत में आ गई.
दिल्ली में दंगों के आरोप में कई मास्टरमाइंड जेल में बंद हैं. इन लोगों की साजिश की वजह से दिल्ली में लगभग 50 लोग बेमौत मारे गए थे. इसमें सफूरा जरगर, मीरान हैदर, आसिफ इकबाल, इशरत जहां, खालिद सैफी, शरजील इमाम, गुलिस्ता फातिमा, शफी-उर-रहमान, नताशा नरवाल, देवांगना कलीता जैसे कई लोग शामिल हैं.
जेल में बंद इन शातिर देश विरोधियों के सहयोगी बाहर रहकर इनके पक्ष में दंगा भड़काने की साजिश रच रहे थे. जिसके बारे में पुलिस को पता लग गया.
इन इलाकों में रखी जा रही है विशेष सावधानी
दिल्ली पुलिस ने पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए दिल्ली के उन इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था विशेष तौर पर कड़ी करनी शुरु कर दी है, जहां पर पिछली बार दंगाईयों ने ज्यादा उत्पात मचाया था.
बुधवार सुबह दिल्ली पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया इलाके में सुरक्षा बलों को तैनात किया और उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में भी कड़ी सुरक्षा की. दंगों की आशंका को देखते हुए खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है.
बुधवार की सुबह 10-11 बजे के बीच दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में गुपचुप तरीके से धरना-प्रदर्शन शुरू करने की सूचना मिली थी. जिसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई. वहां पर लगभग 100 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गेट नंबर 7 और सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के नीचे भी भारी संख्या में पुलिस बल को मुस्तैद किया गया है. होली फैमिली हॉस्पिटल वाले कट पर भी पुलिस के जवान तैनात हैं. इसी इलाके में दिसंबर में कई गाड़ियां फूंकी गई थीं.
दंगों के दौरान मजहबी कट्टरपंथियों की महिलाओं की सक्रिय भूमिका को देखते हुए जाफराबाद में सीआरपीएफ की महिला विंग तैनात की गई है.
अमेरिका के गृहयुद्ध से दंगाइयों के हौसले बुलंद हुए
अमेरिका में एक शख्स की पुलिस हिरासत में मौत का बहाना करके वहां वामपंथियों ने पूरे देश को गृहयुद्ध की आग में झोंक दिया है. वहां के 28 राज्यों में अशांति फैली हुई है. 10 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
क्योंकि अमेरिका में दंगाइयों ने लूटपाट शुरु कर दी है. राष्ट्रपति भवन ह्वाइट हाउस पर हमला शुरु कर दिया. गाड़ियों को आग लगा दी है. अमेरिका में पिछले 50 सालों में इतनी अव्यवस्था और बर्बादी नहीं देखी गई है. हालात इतने बुरे हो गए हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को आपातकालीन कानूनों का सहारा लेते हुए सेना उतारने का फैसला करना पड़ा.
अमेरिका के इसी गृहयुद्ध और हंगामे को देखते हुए भारत के दंगाइयों के भी हौसले बुलंद हो रहे हैं. ऐसे कई संकेत मिले हैं जो यह दर्शाते हैं कि अमेरिकी वामपंथी भारत में भी ऐसे ही गृहयुद्ध फैलाना चाहते हैं.
लेकिन सच्चाई ये है कि अमेरिका में दंगा फैला रहे अराजकतावादी नितांत हिंसक और बर्बर हैं. उन्होंने अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ दी है.
Mahatma Gandhi’s statue outside the Indian Embassy in Washington DC desecrated by unruly elements of #BlackLivesMatter protesters. Sources tell ANI that United States Park Police have launched an investigation, more details awaited. pic.twitter.com/jxRpIhqd2W
— ANI (@ANI) June 4, 2020
भारत में दंगा भड़काना नहीं आसान
लेकिन अमेरिका की तरह भारत में दंगे भड़काना आसान नहीं है. क्योंकि यहां की बहुसंख्यक जनता बेहद प्रबुद्ध और समझदार है. यहां दंगाई और देश विरोधी हैं तो जरुर लेकिन उनकी संख्या कम है. भारत के ज्यादातर लोग अपने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पीछे एकजुट हैं. वो अमेरिकियों की तरह वामपंथियों और मजहबी कट्टरपंथी देशद्रोहियों के झांसे में आने वाले नहीं हैं.
यही भारत की असली ताकत है.
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