तिरुवनंतपुरम. केरल ऐसा राज्य है जहां पर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अधिक जनाधार नहीं है. अब लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने के लिए कमर कस ली है. एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वय्ं सेवक संघ के चीफ मोहन भागवत भी केरल का दौरा कर सकते हैं. यह ऐसा राज्य है जहां पर बीजेपी के पास न तो एक भी विधानसभा सीट है और न ही लोकसभा सीट.
मूड भांपने के लिए दौरा
भागवत राज्य में चुनिंदा स्थानों पर जायेंगे. एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि यह दौरा मूलतः मूड भांपने और उसके मुताबिक रणनीति बनाने के लिए है. राज्य में 20 लोकसभा सीटें हैं और 2019 के लोकसभा चुनावों में, केरल बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए 19 सीटों पर तीसरे स्थान पर रहा और मात्र 15.64 प्रतिशत वोट शेयर हासिल कर सका.
दूसरी तरफ कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 47.48 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करते हुए 19 सीटें जीती. राज्य में सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे को 36.29 प्रतिशत वोट और एक सीट मिली.
क्या है वर्तमान हालात, क्या होगी रणनीति?
वर्तमान हालात में बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव में खाता खोलना मुश्किल हो सकता है. वहीं केरल में बीजेपी के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा भी स्वीकृत तथ्य गहरी जड़ें जमा चुकी गुटबाजी है. इसी लिहाज से आरएसएस सुप्रीमो के आगमन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ऐसी अटकलें हैं कि दिग्गज कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी लोकसभा चुनाव के लिए विचार किए जाने वाले नए लोगों में से एक होंगे. माना जा रहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में सधी हुई रणनीति बनाकर बीजेपी राज्य में खाता खोलने और सीट बढ़ाने का प्रयास करेगी.
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