मुंबईः महाराष्ट्र के स्कूलों में गणतंत्र दिवस से रोजाना सुबह की प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य कर दिया गया है. राज्यमंत्री वर्षा गायकवाड़ ने मंगलवार को यहां मीडिया से कहा, छात्र संविधान की प्रस्तावना का पाठ करेंगे, ताकि वे इसका महत्व जान सकें. सरकार का यह काफी पुराना प्रस्ताव है, लेकिन हम इसे 26 जनवरी से लागू करेंगे.
Maharashtra Government: In every primary and secondary school in the state, reading of Preamble of the Constitution after prayer will be mandatory from January 26.
— ANI (@ANI) January 21, 2020
गायकवाड़ ने कहा कि इस संबंध में सरकार ने फरवरी 2013 में निर्देश जारी किया था. उस समय राज्य में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार थी. छात्र हर रोज सुबह की प्रार्थना के बाद प्रस्तावना का पाठ करेंगे.
मराठी पढ़ाने का आएगा विधेयक
राज्य सरकार की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि प्रस्तावना का पाठ संविधान की संप्रभुता, सबका कल्याण अभियान का हिस्सा है. माना जा रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बाद यह कदम उठाया है. इसके अलावा महाराष्ट्र के मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार सभी स्कूलों (कक्षा एक से 10) में मराठी भाषा को पढ़ना अनिवार्य करेगी.
Maharashtra Minister Subhash Desai: Maha Vikas Aghadi (MVA) govt to make Marathi subject compulsory in all schools (Class 1 to 10) in the state. The government will bring a bill in the next assembly session. (File pic) pic.twitter.com/6p9ABlT1YU
— ANI (@ANI) January 21, 2020
सरकार इसके लिए सरकार अगले विधानसभा सत्र में विधेयक लाएगी. इस संबंध में मसौदा तैयार किया जा रहा है.
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राज्य में अंग्रेजी माध्यम के 25 हजार स्कूल
महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने मुंबई मराठी पत्रकार संघ के एक संवाद कार्यक्रम में यह बात कही. विधानसभा का अगला सत्र फरवरी में होगा. देसाई के हवाले से बयान में कहा गया, सरकार अगले महीने विधानसभा सत्र में एक कानून बनाएगी जिसमें सभी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक मराठी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य होगी चाहे उनमें किसी भी माध्यम में अध्यापन कार्य होता हो.
उन्होंने कहा कि राज्य में अंग्रेजी माध्यम के 25 हजार स्कूल हैं और उनकी संख्या बढ़ रही है. इन स्कूलों में मराठी नहीं पढ़ाई जाती या उसे वैकल्पिक विषय के रूप में रखा जाता है. उन्होंने कहा, ऐसे सभी स्कूलों में मराठी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य होगी.
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