...तो क्या शिवसेना 5 साल से लिख रही थी भाजपा से दगाबाजी की भूमिका?

पृथ्वीराज चव्हाण ने खुलासा किया है कि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद भी उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना और एनसीपी ने भाजपा को रोकने के लिए मिलकर सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया था इसे कांग्रेस ने तत्काल इनकार कर दिया था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 21, 2020, 06:51 AM IST
...तो क्या शिवसेना 5 साल से लिख रही थी भाजपा से दगाबाजी की भूमिका?

मुंबईः महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद भी अभी तक गतिरोध खत्म नहीं हो सका है. तीन पायों पर टिकी महाराष्ट्र सरकार हर दिन अपने नेताओं के कारण डोलती-डगमगाती रहती है. शिवसेना की तरफ से संजय राउत के बयान अक्सर सरकार के लिए मुश्किल खड़ी करते हैं तो कांग्रेस के नेता भी ऐसी स्थिति पैदा करते ही रहते ही हैं.अभी फिलहाल पृथ्वीराज चव्हाण ने ऐसी ही राजनीतिक स्थिति खड़ी कर दी है.

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि शिवसेना को कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के उस बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उसने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाने का प्रस्ताव रखा था.  

शिवसेना ने दी सफाई
फडणवीस के इस बयान पर निशाना साधते हुए शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कयांडे ने सोमवार रात कहा कि शिवसेना ने कभी भी अपने नेताओं को लेकर कोई जोड़तोड नहीं की है. विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि चव्हाण का बयान बेहद चौंकाने वाला है. इससे उद्धव ठाकरे व शिवसेना का असली चेहरा सामने आया है. शिवसेना ने नवंबर में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई. फडणवीस ने दिल्ली में मीडिया से कहा, चव्हाण के इस बयान को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. इस खुलासे से शिवसेना का असली चेहरा सामने आया है.

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यह कहा पृथ्वीराज चव्हाण ने
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने खुलासा किया है कि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद भी उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना और एनसीपी ने भाजपा को रोकने के लिए मिलकर सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया था इसे कांग्रेस ने तत्काल इनकार कर दिया था. चव्हाण ने एक मीडिया साक्षात्कार में यह भी कहा कि शिवसेना के साथ हाथ मिलाने को लेकर इस बार भी पार्टी आलाकमान और अध्यक्ष सोनिया गांधी शुरू में तैयार नहीं थीं, लेकिन गहन विचार-विमर्श के बाद आगे बढ़ने और सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया गया.

चव्हाण ने कहा, यही स्थिति पांच साल पहले भी आई थी उस समय भी शिवसेना और एनसीपी की तरफ से यह प्रस्ताव मेरे पास आया था कि हम तीनों मिलकर सरकार बनाते हैं और भाजपा को रोकते हैं. उन्होंने कहा, मैंने उस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया था. मैंने कहा था कि हार-जीत राजनीति में सामान्य बात है. हम पहले भी हारे हैं और विपक्ष में बैठे हैं. चव्हाण के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कयांडे ने कहा शिवसेना ने जो किया खुले में किया. हमने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ कभी जोड़तोड़ नहीं की.

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