IAS Puja Khedkar: विवादों में घिरी ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने अपने खिलाफ लगे आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि वह अपने आचरण और चयन प्रक्रिया की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित समिति को अपना जवाब देंगी.
खेडकर को हाल ही में उनकी अनुचित मांगों के कारण पुणे से वाशिम ट्रांसफर किया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें एक सदस्यीय समिति के गठन के बारे में पता चला है. पिछले सप्ताह विवाद शुरू होने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में उन्होंने कहा, 'यदि समिति बनती है, तो मैं समिति के समक्ष अपना पक्ष रखूंगी. मुझे मीडिया से पता चला कि समिति बनाई गई है. इसलिए हमें इसका सम्मान करना चाहिए. मैं प्रक्रिया का पालन करूंगी.'
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के अतिरिक्त सचिव मामले की जांच करेंगे और दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपेंगे.
केंद्र ने यह पैनल इन आरोपों के बीच बनाया है कि उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में अपना पद सुरक्षित करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लाभों के साथ-साथ विकलांगता रियायतों का भी लाभ उठाया.
एक के बाद एक आरोप
महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएएस अधिकारी खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को दिए अपने हलफनामे में खुद को दृष्टिबाधित बताया है.
उन्होंने 2022 में अपनी विकलांगता की पुष्टि के लिए छह मेडिकल टेस्ट नहीं करवाए, लेकिन बाद में एक बाहरी मेडिकल सेंटर से एमआरआई रिपोर्ट पेश की, जिसे आठ महीने की देरी के बाद 2023 में स्वीकार किया गया.
इससे पहले, खेडकर ने पुणे कलेक्टर कार्यालय से विशेष विशेषाधिकारों का अनुरोध करके विवाद खड़ा कर दिया था, जो उनके पद के लिए अनुमत नहीं थे.
उन्होंने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का भी इस्तेमाल किया. उन्होंने अपनी निजी कार पर 'महाराष्ट्र सरकार' का बोर्ड भी लगाया था. अब जहां उन्हें प्रोबेशन अवधि के बाकी समय वाशिम के सुपर-न्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में काम करना होगा.
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