मुंबईः महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन के खिलाफ गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उसे रद्द किए जाने और जांच का जिम्मा मुंबई के बाहर के ईडी के अधिकारियों की एसाआईटी को सौंपने का अनुरोध किया.
कोर्ट से की ये अपील
उन्होंने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि उनके बयान डिजिटल तरीके से दर्ज किए जाएं. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए देशमुख की याचिका आयी, लेकिन उन्होंने बिना कोई कारण बताए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. उन्होंने कहा कि सुनवाई के लिए इसे मेरी पीठ के समक्ष नहीं रखें. अब याचिका पर दूसरी पीठ सुनवाई करेगी.
देशमुख ने अपनी याचिका में अनुरोध किया कि उच्च न्यायालय केंद्रीय एजेंसी द्वारा समय-समय पर उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने अपनी याचिका में उच्च न्यायालय से ईडी को डिजिटल माध्यम से उनका बयान दर्ज करने और सभी प्रासंगिक दस्तावेज जमा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया.
एसआईटी को सौंपे केस
उन्होंने मामले की जांच मुंबई अंचल कार्यालय के बाहर ईडी अधिकारियों के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के मामले में 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने पूर्व मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी.
ईडी के अनुसार राज्य के गृह मंत्री के रूप में सेवा देते हुए देशमुख ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न ‘बार’ और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए. देशमुख के परिवार द्वारा नियंत्रित नागपुर स्थित एक शैक्षिक ट्रस्ट, ‘श्री साईं शिक्षण संस्थान’ में इस पैसे का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया. ईडी मामले में पूछताछ के लिए अब तक पांच बार देशमुख को समन भेज चुकी है. हालांकि देशमुख इनमें से किसी समन पर पेश नहीं हुए.
देशमुख ने समन के खिलाफ राहत मांगने और गिरफ्तारी से संरक्षण के लिए पिछले महीने उच्चतम न्यायालय का भी रुख किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. ईडी ने इस मामले में अब तक दो लोगों- संजीव पलांडे (अतिरिक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी, जो देशमुख के निजी सचिव के रूप में काम कर रहे थे) और कुंदन शिंदे (देशमुख के निजी सहायक) को गिरफ्तार किया है.
पलांडे ने भी ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.पलांडे की याचिका पर न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ समयानुसार सुनवाई करेगी.
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले महीने ही मुंबई की विशेष अदालत में इन दोनों के खिलाफ अभियोजन के लिये अपनी शिकायत (आरोप पत्र के समान) दाखिल की है. सीबीआई ने उच्च न्यायालय के पांच अप्रैल के आदेश के आधार पर प्रारंभिक जांच करने के बाद देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
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