नई दिल्लीः आज बंगाल में भारतीय जनता पार्टी ने परिवर्तन यात्रा का आरंभ कर दिया. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद चुनावी जंग के बीच भंग भूमि पहुंचें. लेकिन इस दौरान उनके निशाने पर ममता बनर्जी रहीं और आधार बना हमारा किसान. देश के अन्नदाता. दरअसल, नड्डा ने दावा किया कि भारत के सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है पर बंगाल के अंदर अहंकार में चूर दीदी ने किसानों के लिए वरदान सरीखी इस योजना को लागू ही नहीं होने दिया.
ममता का 'अहंकार', किसान लाचार !
बंग भूमि में परिवर्तन रथ के ज़रिये भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी के खिलाफ़ सबसे आक्रामक मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सूबे की मुखिया पर अहंकार में किसानों से सबसे बड़ा छल करने का आरोप लगा कर करारा हमला बोला. नड्डा ने कहा 'बंगाल में ममता दीदी ने किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है. PM ने किसान सम्मान निधि के तहत एक साल में 6,000 रुपए किसानों के सम्मान के लिए देने का फैसला किया था, लेकिन ममता दीदी ने अपनी जिद के कारण इसे बंगाल में लागू नहीं होने दिया. दरअसल, यहां जिक़्र प्रधानमंत्री किसान सम्मान का हो रहा है.
बंगाल में मजबूती से विजय का केसरिया परचम लहराने में जुटी भारतीय जनता पार्टी का आरोप है, मोदी सरकार की किसान हितैषी ये योजना बंगाल में सियासी युद्ध का शिकार हो गई. घमंड में चूर दीदी ने राज्य में इसे लागू नहीं होने दिया. लेकिन इसका खामियाजा सूबे के सत्तर लाख किसानों को भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा 'पीएम मोदी ने अतिरिक्त सहायता के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत भारत के किसानों को 6000 रुपये प्रदान किए हैं. ममता जी ने अपने हौसलों और अहंकार के कारण इस योजना को बंगाल में लागू नहीं होने दिया. इससे राज्य के 70 लाख से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं और प्रत्येक किसान को 14,000 रुपये की सहायता नहीं मिली है!'
दीदी के चलते किसानों को 9800 करोड़ का नुकसान ?
बीजेपी अध्यक्ष के इस दावे पर ऐतबार किया जाए तो इस स्कीम का लाभ ना मिलने के चलते राज्य के किसानों को क़रीब 9800 करोड़ का नुकसान हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि बंगाल में 70 लाख किसान हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की तय राशि के मुताबिक इन किसानों को अब तक 14 हज़ार रुपये मिलने थे. इस लिहाज़ से किसानों को मिलने वाली रकम 9800 करोड़ हो गई. दरअसल, 25महीनों से शुरु हो चुकी ये योजना बंगाल में लागू नहीं हो पाई. अब अगर प्रधानमंत्री किसान निधि सम्मान योजना राज्य में लागू हो भी जाए तो किसानों को फायदा अगली किस्त से ही मिलेगा.
ममता ने रोका स्कीम का पैसा, मोदी के दर पर पहुंच गए किसान !
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दावा किया कि अब बंगाल के किसान खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं इसलिए, लाखों किसानों ने कृषि मंत्रालय के पोर्टल पर किसान सम्मान निधि का ऑनलाइन आवेदन भी करवाया है. उन्होंने कहा 'आज जब बंगाल के करीब 25 लाख किसानों ने केंद्र सरकार को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए अर्जी भेजी, तो ममता जी कहती हैं कि मैं भी योजना लागू करूंगी. ममता जी अब चुनाव आ गए हैं. अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत'
अब भी किसान 'सम्मान' में पेंच फंसा रहीं ममता बनर्जी ?
देशभर के कई राज्यों में मौजूद 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है. लेकिन बंगाल का किसान अब तक इस वरदान से अछूता है. शायद चुनावी जंग के बीच ममता को भी इस घेराबंदी का अहसास होगा इसलिए लंबे समय तक सूबे में किसानों के हक़ से जुड़ी इस योजना को लागू करने के लिए वो शर्त रखती रहीं कि केंद्र सरकार की ओर से भेजा जाने वाला पैसा राज्य सरकार के ज़रिये किसानों तक जाए. हालांकि हाल में बंगाल सरकार ने राज्य में योजना लागू करने की सहमति जताने से जुड़ा एक पत्र केंद्र सरकार को भेजा पर गृह-मंत्री अमित शाह ने हावड़ा की एक रैली में इस दावे को भी फरेब बता दिया. शाह ने कहा 'ममता दीदी ने पिछले दिनों एक कागज भेजा है कि हम किसान सम्मान निधि योजना लागू करने के लिए सहमत हैं. दीदी आप किस बेवकूफ बना रही हो, सिर्फ कागज भेजा है, इसके साथ किसानों की सूची चाहिए, बैंक खाते का नंबर चाहिए. आपने ये कुछ नहीं भेजा'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 फरवरी 2020 को कर्नाटक के तुमकुर से इस योजना के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए कहा था कि जिन सरकारों ने इस स्कीम को लागू नहीं किया है, उम्मीद करता हूं कि अब वो भी ये सोचते हुए लागू करेंगी कि ये देश की योजना है और इससे किसानों को फायदा मिलेगा. इसके बाद 25 दिसंबर सातवीं किस्त का पैसा रिलीज करते हुए भी अपील की. ममता बनर्जी को केंद्र सरकार की ओर से कई पत्र लिखे जा चुके हैं लेकिन उन्होंने योजना को लागू नहीं किया.
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