नई दिल्लीः कोविड-19 संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच निवेशकों की घबराहटपूर्ण बिकवाली से सोमवार को सेंसेक्स 1,708 अंक का गोता लगा गया, जबकि निफ्टी 14,350 अंक के स्तर से नीचे आ गया.
कारोबारियों ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर उम्मीद से अधिक घातक साबित हो रही है और स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के बीच भागीदार पुनरुद्धार को लेकर नए सिरे से आकलन करने लगे हैं. डॉलर के मुकाबले रुपये में भी लगातार गिरावट से निवेशकों का भरोसा डगमगाया है.
26 फरवरी के बाद सबसे बड़ी गिरावट
निवेशकों की घबराहटपूर्ण बिकवाली के बीच बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,707.94 अंक या 3.44 प्रतिशत के नुकसान से 47,883.38 अंक पर आ गया. यह 26 फरवरी के बाद सेंसेक्स में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है.
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 524.05 अंक या 3.53 प्रतिशत के नुकसान से 14,310.80 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के 30 शेयरों में सिर्फ डॉ. रेड्डीज 4.83 प्रतिशत के लाभ में रहा जबकि अन्य में गिरावट आई है.
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इंडसइंड बैंक का शेयर सबसे अधिक टूटा
सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक का शेयर सबसे अधिक 8.60 प्रतिशत टूट गया. बजाज फाइनेंस, एसबीआई, ओएनजीसी, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और बजाज फिनसर्व के शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई.
बाजार में सोमवार को आई जोरदार गिरावट के बीच निवेशकों की 8.77 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डूब गई. बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 200.85 लाख करोड़ रुपये रह गया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में एक दिन में संक्रमण के 1,68,912 नए मामले आए हैं. महामारी की शुरुआत के बाद यह सबसे ऊंचा आंकड़ा है. देश में संक्रमण का आंकड़ा अब 1,35,27,717 पर पहुंच गया है.
राष्ट्रीय स्तर पर कोविड से उबरने की दर घटकर 90 प्रतिशत से नीचे आ गई है.
आर्थिक वृद्धि प्रभावित होने की आशंका
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के क्रियान्वयन और कोविड के नए मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से बाजार एक माह के निचले स्तर पर आ गया. इससे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि उम्मीद से कहीं अधिक प्रभावित होने की आशंका है.’’
नायर ने कहा, ‘‘इसका प्रभाव समझा जाता है कि बैंकिंग और विवेकाधीन क्षेत्रों पर कहीं अधिक पड़ सकता है. कारोबार का यह रुख अभी कुछ सप्ताह जारी रहेगा. कोविड के मामले घटने शुरू होने पर ही बाजार की स्थिति सुधरेगी.’’
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 5.32 प्रतिशत तक की गिरावट आई. वैश्विक बाजार भी अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर से नीचे आ गए.
रुपये में लगातार छठे कारोबारी सत्र में गिरावट
अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान के निक्की में गिरावट आई. वहीं दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में लाभ रहा.
शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार बढ़त में थे.
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 0.57 प्रतिशत की बढ़त के साथ 63.31 रुपये प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये में लगातार छठे कारोबारी सत्र में गिरावट आई और यह 32 पैसे और टूटकर 75.05 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
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