नई दिल्ली: कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश कुमार, लांसनायक दिनेश सिंह और सब-इंस्पेक्टर सगीर अहमद... ये नाम याद कर लीजिए. क्योंकि इन्हीं शहीद भारतीय जवानों के खून से पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी बर्बादी के दस्तावेज पर दस्तखत कर दिए हैं.
इंसानियत को बचाने के लिए दे दी शहादत
पाकिस्तान से भेजे गए भाड़े के आतंकियों ने एक कश्मीरी परिवार के घर में घुसकर कई मासूमों को बंधक बना लिया था. भारतीय सेना चाहती तो अंधाधुंध गोलीबारी करके आतंकियों की जान ले सकती थी. लेकिन इससे आम लोगों की जान जाने का खतरा था. भारतीय सेना कभी ऐसा नहीं करती.
ये बात पाकिस्तानी कुत्ते जानते थे. इसलिए उन्होंने कश्मीरियों के घर में घुस कर उन्हें बंधक बना लिया था. वो उन्हें ढाल बनाकर भारतीय सेना से बचना चाहते थे.
बंधक कश्मीरियों को छुड़ाने के लिए मेजर आशुतोष के नेतृत्व में पांच लोगों की टीम घर में घुसी. छिपे हुए कायर आतंकियों ने उनपर गोलियों की बौछार कर दी.
भारतीय जवानों ने घायल होने के बावजूद बंधकों को छुड़ा लिया. लेकिन इसकी मानवीय मिशन की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. बहादुर कर्नल आशुतोष शर्मा के साथ पांच जांबाज जवानों का देहांत हो गया.
बिलखते परिवार का दर्द देखकर कलेजा हिल जाता है
दरिंदे पाकिस्तानी आतंकियों ने कश्मीरियों को ढाल बनाकर हमारे बहादुर जवानों पर पीछे से वार किया है. क्योंकि वे जानते थे कि ये सभी भारतीय संस्कृति में पले बढ़े हिंदुस्तानी जवान इंसानियत का सम्मान करते हैं और अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़कर आ रहे हैं. ऐसे में वो बंधकों की जान बचाने के लिए अपने जान की बाजी लगा देंगे.
वही हुआ भी. अपना खून बहा कर भी कर्नल आशुतोष और उनकी टीम ने बंधकों की जान बचा ली. लेकिन पाकिस्तानी दरिंदों ने भारी कायरता का परिचय देते हुए उनपर अंधाधुंध गोलीबारी की. जिससे ये लोग बच नहीं पाए.
जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी
जिस कायराना तरीके से भाड़े के पाकिस्तानी कुत्तों ने हमारे जवानों को शहीद किया है. उसे देखकर पूरे देश में भारी नाराजगी है. खुद पीएम मोदी का दिल भर आया है. उन्होंने जवानों की शहादत पर जो छोटा सा ट्विट किया है. उससे माननीय प्रधानमंत्री के दिल के दर्द का अंदाजा हो जाता है.
पीएम ने अपने ट्विट में जो खास बात कही है. उसे लाल रंग से रेखांकित किया गया है. उसपर जरा गौर फरमाइएगा. पीएम ने साफ तौर पर लिखा है कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. प्रधानमंत्री के शब्दों को हल्के में लेने की भूल कोई कर ही नहीं सकता है. इसके गूढ़ निहितार्थ हैं.
पुलवामा हमले के बाद भी पीएम ने इसी तरह दिया था संकेत
साल 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमला करके आतंकियों ने 40 जवानों को मार दिया था. उस हमले के बाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा था कि आतंकियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
जिसके नतीजे में बालाकोट में आतंकी कैंप पर हमला हुआ था. भारतीय सेना ने आतंकियों को चुन चुन कर मौत के घाट उतार दिया था.
पुलवामा हमले के बाद पीएम मोदी के शब्द थे 'पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला निंदनीय है. मैं इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे बहादुर जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. संपूर्ण राष्ट्र कंधे से कंधा मिलाकर शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा है.'
पुलवामा की शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कठोर संदेश आप यहां सुन सकते हैं--
आज हंदवाड़ा में भारतीय जवानों की शहादत के बाद पीएम मोदी का रुख कुछ वैसा ही था. उन्होंने जिस शब्दावली का प्रयोग किया है, वह तूफान के पहले की शांति का अनुभव कराता है. यकीन रखिए पाकिस्तान और उसके भाड़े के टट्टुओं को अपनी कायर हरकत की बडी कीमत चुकानी होगी.
वक्त गवाह है....
ये भी पढ़ें---हंदवाड़ा: वीरता की मिसाल है कर्नल आशुतोष की शहादत, पीएम मोदी ने किया वीरों को नमन
ये भी पढ़ें---जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में 5 जवान शहीद
ये भी पढ़ें---सेना ने कश्मीर में दो विदेशी आतंकियों को ढेर किया