दिल्ली: संसद का 18 नवंबर से शुरू हुआ शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. इस सत्र में पूरी तरह पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा और NDA सरकार का जलवा दिखा. सरकार की कुशल रणनीति और राजनीतिक चातुर्य के आगे विपक्ष धराशाई हो गया. सरकार के एजेंडे में शामिल कई महत्वपूर्ण बिल आसानी से कानून में तब्दील हो गये. जिनमें बहुप्रतीक्षित नागरिकता बिल भी शामिल था.
लोकसभा से 14 और राज्यसभा से 15 बिल हुए पास
2019 में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में आई बीजेपी को लोकसभा में विधेयक पास कराने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी, लेकिन असली टेस्ट तो राज्यसभा में था. हालांकि राज्यसभा में पार्टी फ्लोर मैनेजमेंट के दम पर कई अहम बिल पास कराने में सफल रही. लोकसभा में सरकार 14 और राज्यसभा में 15 बिल पास कराने में कामयाब रही जो मोदी सरकार की बड़ी जीत और विपक्ष की करारी हार साबित हुई.
नागरिकता संशोधन बिल का पास होना सबसे अहम
नागरिकता संशोधल बिल 2019 का दोनों सदनों से पास होना मोदी सरकार के लिए बड़ी जीत रही. नॉर्थ-ईस्ट के कई राज्यों में प्रदर्शन और विपक्ष के विरोध के बीच 3 देशों के 6 धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला बिल दोनों सदनों से पास हुआ. राज्यसभा में 83 सांसदों वाली बीजेपी को इस विधेयक को पास कराने के लिए 35 और सांसदों की जरूरत थी, जिसे पार्टी ने आसानी से हासिल कर लिया. राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन गया है.
SPG संशोधन बिल रोकने में विपक्ष हुआ नाकाम
मोदी सरकार SPG संशोधन बिल भी इस सत्र में पास कराने में सफल रही. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर गांधी परिवार की सुरक्षा कम करने का आरोप लगाया. तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सिर्फ गांधी परिवार की सुरक्षा ही नहीं देश की 130 करोड़ जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी मोदी सरकार की है. सरकार ने ये बिल भी अमित शाह के कुशल नेतृत्व में आसानी सा पास करा लिया. आपको बता दें कि इस बिल में सिर्फ प्रधानमंत्री को SPG सुरक्षा देने का प्रावधान है और उनके अलावा कोई भी विशिष्ट व्यक्ति इस सुरक्षा कवच का हकदार नहीं होगा.
लोकसभा ने किया ऐतिहासिक काम
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जानकारी दी कि ये सत्र प्रश्नकाल के लिहाज 1971 के बाद पिछले 49 सालों में सबसे बेहतरीन रहा. 140 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए और औसतन प्रतिदिन लगभग 7.36 प्रश्नों के उत्तर दिये गए. इसके अलावा प्रतिदिन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिये गए. प्रतिदिन औसतन 58.37 मामले उठाये गए. नियम 377 के अधीन कुल 364 मामले उठाए गए. उन्होंने कहा इस प्रकार से लोकसभा की उत्पादकता 115 प्रतिशत दर्ज की गयी.
250वें सत्र में राज्यसभा ने भी किया सराहनीय काम
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस बार सदन ने शानदार और सराहनीय काम किया है. राज्यसभा में सत्र के दौरान 108 घंटे 33 मिनट तक निर्धारित कामकाज होना था, विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के चलते सदन के कामकाज में 11 घंटे 47 मिनट का नुकसान हुआ. लेकिन सदस्यों ने 10 घंटे 52 मिनट अधिक काम करके सदन की उत्पादकता को 100 प्रतिशत पर ला दिया जो प्रशंसनीय है. सभापति ने राज्यसभा के 250वें सत्र को ऐतिहासिक सत्र करार देते हुये कहा कि इसकी गंभीरता एवं संक्षिप्तता महत्वपूर्ण रही.
ये महत्वपूर्ण बिल बने कानून
ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) विधेयक, जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, सरोगेसी विनियमन विधेयक 2019, कॉरपोरेट कर कम करने संबंधी संशोधन विधेयक, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिबंध विधेयक, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक आदि महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए. सरकार की रणनीति में सभी बिल लम्बे समय से शामिल थे.
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