नई दिल्लीः संसद के 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति और दिल्ली सेवा अध्यादेश जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी की है. मानसून सत्र का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब एक दिन पहले ही 26 विपक्षी दलों ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) का गठन किया ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को चुनौती दी जा सके.
मणिपुर के हालात पर घमासान के आसार
विपक्षी दल मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाते रहे हैं. पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में तीन मई से शुरू जातीय हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत हुई है. वहीं मणिपुर में दो महिलाओं को कैमरे के सामने नग्न घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद संसद में इस पर हंगामे के आसार हैं.
दिल्ली सेवा अध्यादेश पर हो सकती है तकरार
संसद के इस सत्र के दौरान दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश और इससे संबंधित विधेयक का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा और सरकार व विपक्ष के बीच इस पर तकरार हो सकती है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण से जुड़े इस अध्यादेश का विरोध कर रही है जिसे केंद्र सरकार ने मई में जारी किया था.
हम इसका विरोध करेंगेः आप नेता संजय सिंह
मानसून सत्र से पहले सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद आप नेता संजय सिंह ने कहा, ‘संविधान संशोधन के विषय को अध्यादेश के जरिये कैसे पारित किया जा सकता है? दिल्ली की दो करोड़ जनता के अधिकारों को कुचलने का और केजरीवाल सरकार को नहीं चलने देने का हम लोग जमकर विरोध करेंगे.’
लोकसभा में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी एवं डीन कुरियोकोस, द्रमुक के ए राजा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश 2023 को निष्प्रभावी करने संबंधी एक नोटिस दिया है.
मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति का मुद्दा भी उठाया और सरकार से इस पर चर्चा कराने की मांग की. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘बैठक में हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की.’ चौधरी ने कहा, ‘हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो.’
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा, ‘सभी दल मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. सरकार मणिपुर पर चर्चा कराने को तैयार है.’ उन्होंने कहा, ‘जब भी लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति समय तय करते हैं, हम चर्चा कराने को तैयार हैं. जो भी मुद्दे होंगे, हम नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत चर्चा कराने को तैयार है.’
23 दिनों तक चलेगा संसद का सत्र
मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा. 23 दिनों तक चलने वाले संसद के इस मानसून सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें होंगी. सरकार इन 17 बैठकों के दौरान अपने 31 बिल पेश करने के लिए तैयार है. प्रह्लाद जोशी ने कहा कि किसे (बिल) लाना है और किसे नहीं लाना है, ये हम (सरकार) डिसाइड करेंगे, लेकिन 31 लेजिस्लेटिव आइटम्स तैयार हैं. विपक्षी दलों की तरफ से छोटे सत्र में इतने ज्यादा बिल रखने की तैयारी करने पर सवाल भी उठाया गया.
सरकार को घेरने की रणनीति तय करने के लिए विपक्ष करेगा बैठक
इस बीच विपक्षी दलों के नए गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस के नेतागण मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति तय करने के लिए बृहस्पतिवार को पहली बैठक करेंगे. सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में 20 जुलाई की सुबह विपक्षी गठबंधन की बैठक होगी.
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