सीमा पर नेपाल पुलिस की कायराना गोलीबारी, एक शख्स की मौत तीन घायल

भारत और नेपाल के बीच जारी तनाव में एक और बुरी खबर है. चीन के उकसावे पर नेपाल की वामपंथी सरकार भारत को निशाना बना रही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 12, 2020, 05:24 PM IST
    • सशस्त्र बल घटनास्थल पर पहुंचे
    • नेपाल पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल उठे
सीमा पर नेपाल पुलिस की कायराना गोलीबारी, एक शख्स की मौत तीन घायल

नई दिल्ली: भारत और नेपाल के बीच आज तनाव फिर से बढ़ गया. नेपाल पुलिस की ओर से भारत नेपाल सीमा पर जमकर गोलीबारी की गई और इससे एक शख्स की मौत हो गयी जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. हैरत की बात ये है कि विगत कई दिनों से भारत और नेपाल के बीच विवाद को खत्म करने के लिए सकारात्मक वातावरण बनने लगा था और इस बीच ये गोलीबारी कई सवालों को जन्म देती है.

आपको बता दें कि बिहार के सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र के लालबन्दी बॉर्डर के पास नेपाली पुलिस और स्थानीय भारतीय नागरिकों के बीच हिंसक झड़प हुई है. इसी झड़प में नेपाल पुलिस की ओर से गोलीबारी की गई है.

सशस्त्र बल घटनास्थल पर पहुंचे

आपको बता दें कि  नेपाल पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई है. वहीं, तीन लोग इस फायरिंग में गंभीर रूप से घायल हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार एक घायल को नेपाल की पुलिस अपने साथ ले गई. फिलहाल इस मामले की छानबीन की जा रही है और सशस्‍त्र सीमा बल की टीम भी घटना स्थल के लिए रवाना हो गई. मृतक का नाम डिकेश कुमार बताया जा रहा है और उसकी उम्र 25 वर्ष है.

नेपाल पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल उठे

भारत के नागरिकों को नेपाल की पुलिस द्वारा निशाना बनाना और नागरिकों से झड़प करना कई प्रश्नों को जन्म देते हैं. नेपाल आर्म्ड पुलिस फ़ोर्स की तरफ से भारत-नेपाल बॉर्डर पर सीतामढ़ी में भारतीय नागरिकों पर फायरिंग की गई. सशस्त्र सीमा बल की टीम घटना स्थल पर रवाना हुई है. इनमें एसएसबी के सीनियर अधिकारी भी मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि नेपाल की तरफ से करीब 16 राउंड की फायरिंग की गई.

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भारत के हिस्सों पर दावा कर रहा नेपाल

आपको बता दें कि भारत के कुछ हिस्से पर नेपाल की वामपंथी सरकार चीन के बहकावे में आकर झूठा दावा कर रहा है. नेपाल में कई लोग भारत के रुख का समर्थन करते हैं लेकिन नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार चीन के कम्युनिस्ट शासन के बहकावे में आकर उग्र और बेतुका तर्क दे रही है. नेपाल सरकार ये विवादित नक्शा अपनी संसद में पास भी करवा चुका है.

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