Happy Birthday Nitish Kumar : जानिए रामलखन बाबू का 'मुन्ना' कैसे बना 'विकास' पुरुष

आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस दौरान उन्हें देश भर से बधाईयां मिल रही हैं. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जो नीतीश कुमार ने अर्जित किया, उसे प्राप्त करना इतना आसान भी नहीं था.

Written by - Raj Kamal Choudhary | Last Updated : Apr 19, 2022, 01:44 PM IST
  • नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को पटना से 35 किलोमीटर दूर बख्तियारपुर में हुआ
  • बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल) पढ़े, इंजीनियर बाबू कहलाते थे
Happy Birthday Nitish Kumar : जानिए रामलखन बाबू का 'मुन्ना' कैसे बना 'विकास' पुरुष

पटनाः इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोई छात्र सोशल इंजीनिरिंग का प्रोफेसर यूं ही नहीं बन जाता है. अगर उसे सोशल इंजीनियर का प्रोफेसर बनना है तो उसे नीतीश कुमार बनना होगा. ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, बल्कि ये नीतीश कुमार का व्यक्तित्व कह रहा है, जो सत्ता के शिखर पर पहुंचता है, वो भी तपती हुई सियासी धरती पर चल कर.

नीतीश बनना आसान नहीं!
आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस दौरान उन्हें देश भर से बधाईयां मिल रही हैं.

लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जो नीतीश कुमार ने अर्जित किया, उसे प्राप्त करना इतना आसान भी नहीं था.

इलेक्ट्रिकल इंजीनियर से सोशल इंजीनियर के प्रोफेसर बने नीतीश
दरअसल, नीतीश कुमार का नाम देश की सियासत और बिहार की जनता के लिए काफी है, जो अपनी साफ-सुथरी छवि, अपनी राजनीति और अपनी दूरदर्शिता के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. नीतीश पेशे से बनने तो निकले थे इंजीनियर लेकिन राजनीतिक झुकाव ने उन्हें बना दिया सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering) का प्रोफेसर.

हालांकि, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने ये रास्ता ऐसे ही तय नहीं कर लिया बल्कि इसमें भी कई अवरोध और पड़ाव है जिसको पार करते हुए नीतीश आज यहां पहुंचे. 

नीतीश कुमार का सफर
69 साल के नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को पटना से 35 किलोमीटर दूर बख्तियारपुर में हुआ. नीतीश कुमार ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल) की पढ़ाई की. इस दौरान वो इंजीनियर बाबू के नाम से भी जाने जाते थे. यह संस्थान अब NIT पटना के नाम से जाना जाता है.

राज कपूर की फिल्मों का था शौक
इंजीनियरिंग कॉलेज में नीतीश के दोस्त और क्लासमेट रहे अरुण सिन्हा ने अपनी किताब 'नीतीश कुमारः द राइज ऑफ बिहार' में लिखा है, 'कॉलेज के दिनों में नीतीश कुमार राज कपूर की फिल्मों के दीवाने थे. नीतीश कुमार को 150 रुपए की स्कॉलरशिप मिला करती थी, जिससे वो हर महीने किताबें-मैगजीन खरीद लाते थे.

ये वो चीजें होतीं थी जो उस वक्त के अन्य बिहारी छात्रों के लिए सपने जैसी थीं.'

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विरासत में मिली सियासत
वो कहते हैं ना कि जब विरासत में सियासत की जानकारी मिली हो तो शख्स इससे पीछा कैसे छुड़ा सकता है. नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा ही हुआ. दरअसल, नीतीश के पिता राम लखन बाबू स्वंतत्रता सेनानी थे और वह प्यार से नीतीश कुमार को मुन्ना बुलाते थे. 

'मुन्ना' अपने पिता की तरह बड़े हो रहे था और वो भी लखन बाबू की तरह राजनीति में दिलचस्पी रखते थे. समय और समाज में हो रहे बदलाव को गौर से पढ़ते व समझते थे, उसके मन में भी राजनीति का जुनून सवार था. वो जुनून पटना यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति से शुरू होकर ऐसा निकला कि बिहार की सत्ता के शीर्ष पर काबिज होकर अब तक कायम है. 

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