हैदराबादः केंद्र सरकार का स्पष्ट तौर पर कहना है कि नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर (NPR) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) दोनों में कोई कनेक्शन नहीं है. हालांकि, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में कहा कि नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) में कुछ अंतर नहीं है. केंद्रीय गृहमंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं. इसके खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां एकसाथ रहेंगी.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बैठक के दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भी माना कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) संविधान के खिलाफ था और इसी वजह से तेलंगाना राष्ट्र समिति ने संसद में इसकी मुखालिफत की. ओवैसी ने कहा- मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सीएए (CAA) और एनपीआर (NPR) के खिलाफ जल्द ही सर्वदलीय बैठक की जाएगी. हमने उन्हें बताया कि एनपीआर और एनआरसी के बीच कोई अंतर नहीं है. हमने उन्हें गृहमंत्रालय के कुछ दस्तावेज भी दिखाए जिसमें इस बात को दर्शाया गया है कि एनपीआर एनआरसी से पहले का कदम है.
AIMIM's Asaduddin Owaisi in Hyderabad: There is no difference between National Population Register(NPR) & National Register of Citizens(NRC). The Union Home Minister is misleading the country. All political parties will be together in protesting against this. pic.twitter.com/iwWFqd4pEj
— ANI (@ANI) December 25, 2019
'एनपीआर-एनआरसी के बीच संबंध नहीं'
गृहमंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में स्पष्ट कहा कि NPR और एनआरसी के बीच दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, 'दोनों में मूलभूत अंतर है. एनपीआर जनसंख्या का रजिस्टर है. इसके आधार पर अलग-अलग योजनाओं के आकार बनते हैं. वहीं, एनआरसी में हर व्यक्ति से प्रूफ मांगा जाता है कि आप किस आधार पर भारत के नागरिक हैं.
'NRC पर बहस की जरूरत नहीं'
इंटरव्यू के दौरान शाह ने कहा था, 'नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) और नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर (NPR) के बीच कोई संबंध नहीं है. मैं आज स्पष्ट तौर पर बता रहा हूं. देशव्यापी एनआरसी पर बहस की कोई जरूरत ही नहीं है क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा ही नहीं हो रही है. इस पर न कोई कैबिनेट में चर्चा हुई और न ही संसद में. दोनों प्रक्रिया का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है और न दोनों प्रक्रिया का एक-दूसरे के सर्वे में उपयोग हो सकता है.
'अलग हैं दोनों कानून'
अमित शाह ने कहा था, 'एनपीआर के लिए अभी जो प्रक्रिया चलेगी, उसका उपयोग कभी भी एनआरसी के लिए नहीं हो सकता है. दोनों कानून भी अलग हैं. उन्होंने कहा कि एनपीआर की जरूरत इसलिए है कि हर 10 साल में अंतरराज्यीय स्तर पर जनगणना में जबर्दस्त उथल-पुथल होती है. एक राज्य के लोग दूसरे राज्य में जाकर बस जाते हैं. जो लोग दूसरे राज्य में बसे हैं, उनकी जरूरतों के मुताबिक योजनाओं का आधार एनपीआर होगा.