बलूचिस्तान में पाकिस्तान ने फिर दिखाई बर्बरता, कैंसर पीड़ित वृद्ध को किया गिरफ्तार

पाकिस्तान को लेकर बलूचिस्तान के लोगों में बढ़ती नाराजगी के बीच पाकिस्तान ने उठाए अमानविय कदम.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 10, 2021, 11:28 PM IST
  • 1947 में बलूचिस्तान को जबरन कब्जे में लिया पाकिस्तान
  • बलूचिस्तान के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर
बलूचिस्तान में पाकिस्तान ने फिर दिखाई बर्बरता, कैंसर पीड़ित वृद्ध को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान 'सरकारी संस्थानों के खिलाफ' बयान देने के आरोप में ग्वादर में पुलिस ने 77 वर्षीय अवामी वर्कर्स पार्टी (एडब्ल्यूपी) के कार्यकर्ता यूसुफ मस्तीखान को गिरफ्तार किया है, जो कि एक कैंसर रोगी हैं.

फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूसुफ मस्तीखान को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

मस्तीखान के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एडब्ल्यूपी कार्यकर्ता को राष्ट्र, सशस्त्र बलों और खुफिया एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देते सुना है

पाकिस्तान ने 1947 में बलूचिस्तान जबरन कब्जा किया था

शिकायत में मस्तीखान के हवाले से कहा गया है कि 1947 में पाकिस्तान ने जबरन बलूचिस्तान पर कब्जा किया था और तब से पाकिस्तान बलूचिस्तान प्रांत के लोगों को 'गुलाम' मानते आया है.

प्राथमिकी के अनुसार, मस्तीखान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान 1953 से प्रांत से गैस की चोरी कर रहा है.

मानवाधिकार आयोग ने की गिरफ्तारी की निंदा

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने भी एडब्ल्यूपी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी की निंदा की है. एचआरसीपी ने कहा, "उन्होंने इस मांग के अलावा और कुछ नहीं किया है कि राज्य ग्वादर के निवासियों को नागरिक, राजनीतिक और आर्थिक अधिकार दे, जिसके वे हकदार हैं." कार्यकर्ताओं ने भी राजनेता की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की.

बलूच के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर

गिरफ्तारी को लेकर पुरे बलूचिस्तान के लोगों में बड़े स्तर पर नाराजगी है, एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा, "वास्तव में उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि वह वृद्ध हैं और एक एडवांस स्टेज के कैंसर रोगी हैं."

वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि अपने नेता की गिरफ्तारी को लेकर पूरे बलूचिस्तान में गुस्सा है और नागरिक समाज और प्रगतिशील राजनीतिक आंदोलनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

गौरतलब है कि ग्वादर में एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, प्रदर्शनकारियों ने पीने के पानी तक पहुंच सहित बुनियादी अधिकारों की मांग की है. इसके अलावा भी लोगों की कई मांगे हैं, जिनमें जीवानी से कराची तक तटीय राजमार्ग पर अनावश्यक जांच चौकियों को हटान, सीमा व्यापार पर प्रतिबंध तत्काल हटाना और अन्य चीजों के अलावा ईरान से खाद्य पदार्थों का परिवहन शामिल है.

यह भी पढ़ें: अदालतों की सुरक्षा के लिए विशेष टीम बनाए दिल्ली पुलिसः हाई कोर्ट

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

 

 

ट्रेंडिंग न्यूज़