पाक के बिगड़े सुरः वैश्विक शरणार्थी मंच पर नागरिकता कानून का मुद्दा उठाया

पाकिस्तान कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के मुद्दों को उठाने को लेकर औंधे मुंह गिरा है, लेकिन इसके बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तान ने इस बार भारत के नागरिकता कानून का मुद्दा  जिनेवा में आयोजित पहले वैश्विक शरणार्थी मंच में उठाया है. उन्होंने फिर से झूठ प्रचारित करते हुए कहा कि निया जान ले कि भारत में शरणार्थियों का एक बहुत बड़ा संकट जन्म ले रहा है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 17, 2019, 08:26 PM IST
पाक के बिगड़े सुरः वैश्विक शरणार्थी मंच पर नागरिकता कानून का मुद्दा उठाया

नई दिल्लीः बार-बार मात मिलने और मुंह की खाने के बाद भी पड़ोसी मुल्क के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जिनेवा में आयोजित पहले वैश्विक शरणार्थी मंच (ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम) पर मंगलवार को कश्मीर और भारत के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का मुद्दा उठाया.

कश्मीर विवाद को शरणार्थी समस्या का जनक बताया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह कश्मीर में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का संज्ञान ले. उन्होंने जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द करने के भारत के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि कश्मीर का विवाद एक और बड़ी शरणार्थी समस्या को जन्म दे सकता है.

इमरान युनाइडेट नेशन्स हाईकमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज और स्विट्जरलैंड की सरकार द्वारा जिनेवा में आयोजित इस दो दिवसीय ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम के सहसंयोजक हैं. उन्होंने कहा कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच कश्मीर मुद्दा गंभीर रूप ले सकता है.

एटमी ताकतों के टकराव की दी दुहाई
इमरान ने भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम का भी मुद्दा उठाया और विश्व समुदाय से इस पर ध्यान देने की अपील की. उन्होंने कहा, भारत के मुसलमानों को नागरिकता से वंचित करने के लिए यह कानून बनाया गया है. भारतीय मुसलमानों के अधिकार छीने जा रहे हैं.

इस कानून के खिलाफ भारत में दंगे हो रहे हैं और लोग सड़कों पर हैं. उन्होंने कहा, दुनिया जान ले कि भारत में शरणार्थियों का एक बहुत बड़ा संकट जन्म ले रहा है. कश्मीर में अस्सी लाख लोग पहरे में हैं.

वहां बहुसंख्यक मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश की जा रही है. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दो एटमी ताकतों में टकराव हो सकता है. 

नागरिकता कानून को लेकर जाफराबाद में प्रदर्शन

नेक बनने की कोशिश की
फोरम पर नेक बनने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि बेसहारा शरणार्थियों की समस्या से अमीर मुल्क नहीं निपट सकते. ऐसे हालात बनाने होंगे कि लोग शरणार्थी बनने पर मजबूर न हों.

उन्होंने कहा कि अपनी तमाम मुश्किलों के बावजूद पाकिस्तान तीस लाख अफगान शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है.

पाकिस्तान अपने मुल्क की दुश्वारियों के बजाय बार-बार भारत के मामलों को वैश्विक मंचों पर उठा रहा है और गलत माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है.

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