मुंबईः पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव को जो विस्फोटक चिट्ठी लिखी है, उससे महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा धमाका होना तय दिख रहा है. एंटीलिया मामले की जांच सीधे महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख तक पहुंच गई है.
आठ पन्ने की चिट्ठी में परमबीर सिंह ने लिखा है कि गृहमंत्री देशमुख अफसरों को पैसों का कलेक्शन करने को कहते थे. इसके अलावा उन्होंने उनके सेक्रेटरी पलांडे पर भी आरोप लगाए हैं. पढ़िए वे पांच बड़े आरोप जिससे अनिल देशमुख की कुर्सी बुरी तरह खतरे में पड़ गई है.
कैसे कलेक्ट होंगे रुपये, सुझाव दिया
सचिन वजे से मुंबई के 1750 बार रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठानों से 2 से ढाई लाख रुपये कलेक्ट करके यह टारगेट (100 करोड़) इकट्ठा करने का टारगेट दिया.
गृह मंत्री ने सचिन वजे से कहा था कि मुंबई के 1750 बार रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठानों से 2 से ढाई लाख रुपये कलेक्ट करके यह टारगेट आसानी से हासिल किया जा सकता है 'परमबीर ने लिखा, 'सचिन वजे उसी दिन मेरे पास आए और यह खुलासा किया.'
देशमुख के पर्सनल सेक्रेटरी पर भी आरोप
गृह मंत्री देशमुख ने एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच संजय पाटिल को भी अपने घर पर बुलाया और हुक्का पार्लर को लेकर बात की. अनिल देशमुख के पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे ने संजय पाटिल को 40 से 50 करोड़ रुपये 1750 बार रेस्टोरेंट और अदर एस्टेब्लिशमेंट से जमा करने के लिए कहा था.
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पुलिस अफसरों को घर बुलाते थे
गृहमंत्री देशमुख अफसरों को पैसों का कलेक्शन करने को कहते थे. परमबीर का आरोप, देशमुख लगातार इस तरह के मामलों में लिप्त रहे हैं और वे कई बार मेरे अधिकारियों को बुलाकर इस तरह के काम उनसे करवाते हैं.
अफसरों को घर बुलाकर उन्हें ऑफिशियल असाइनमेंट और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस से रिलेटेड आदेश दिया करते थे, जिसमें पैसों का कलेक्शन शामिल है. इस तरीके की करप्ट मलप्रैक्टिस मेरे अधिकारियों द्वारा कई बार मेरे सामने लाई गई.'
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सांसद डेलकर की मौत की जांच उलझाने की कोशिश
'दादरा और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की मौत के मामले में गृह मंत्री की ओर से लगातार मुझ पर दबाव बनाया गया कि इस मामले में मैं आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज करूं.
मैंने कुछ कानूनी जानकार लोगों से राय ली और यह सामने आया कि अबेटमेंट ऑफ सुसाइड का मामला अगर होता भी है तो वह दादरा और नागर हवेली से जुड़ा हुआ है इसलिए वहां की पुलिस को इस मामले में जांच करनी चाहिए. गृह मंत्री के दबाव के बावजूद जब मैंने इस मामले में अबेटमेंट ऑफ सुसाइड का केस नहीं दर्ज किया तो मुझे उनकी नाराजगी झेलनी पड़ी.'
कई मामलों की जांच देशमुख ने अपने हिसाब से कराई
'पिछले एक साल के दौरान मैंने यह महसूस किया कि कई बार महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने मेरे कई अधिकारियों को अपने आधिकारिक निवास ज्ञानेश्वर पर बुलाया और उनसे विभिन्न मामलों में अपने हिसाब से जांच करवाई.
इस तरीके का राजनीतिक दबाव माननीय सुप्रीम कोर्ट की नजर में अवैध और गैर संवैधानिक है. मैं विनम्रता से आपसे कहना चाहता हूं कि मैं अपनी पुलिस फोर्स की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधे पर लेता हूं.'
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