नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून(CAA) के विरोध में उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा के पीछे केरल के कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हाथ होने के पुख्ता सबूत मिले हैं.
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेन्सी एएनआई को जानकारी दी है कि उसे PFI के संबंध में यूपी सरकार की रिपोर्ट मिल गई है.
गिरफ्तार किए गए थे PFI से जुड़े 25 संदिग्ध
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक(DGP) ओपी सिंह ने जानकारी दी थी कि PFI से जुड़े हुए लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हिंसा भड़काई थी. जिसके पर्याप्त सबूत मिल गए हैं.
डीजीपी ओपी सिंह के बयान के मुताबिक 'PFI हाल में हुई हिंसा में सक्रिय रूप से शामिल था. हमने उनके 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इसको लेकर हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं.'
Union Ministry of Home Affairs Sources: We have received a report from Uttar Pradesh on activities of Popular Front of India (PFI) in the state. pic.twitter.com/DEkGHQBMAk
— ANI (@ANI) January 3, 2020
खुद को स्वयंसेवी संगठन बताता है PFI
PFI खुद को एक गैर सरकारी संगठन बताता है. लेकिन उसपर हमेशा से गैर-कानूनी गतिविधियों में पहले भी शामिल रहने का आरोप लगता रहा है. गृह मंत्रालय ने 2017 में कहा था कि इस संगठन के लोगों के संबंध जिहादी आतंकियों से हैं, साथ ही इस पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप है.
पीएफआई ने खुद पर लगे इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था, लेकिन अकसर इस संगठन को लेकर विवाद होता रहा है.
PFI पर 6 आतंकी घटनाओं में शामिल होने का आरोप
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने 2017 में पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने की बात कही थी. इसमें राष्ट्रीय जांच एजेन्सी(NIA) की वह जांच रिपोर्ट भी है, जिसमें इस संगठन पर 6 आतंकी घटनाओं में शामिल रहने का आरोप लगाया है. इसके अलावा राज्यों की पुलिस की रिपोर्ट भी NIA के पास है, जिसमें इस संगठन पर धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने, आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने और जबरन धर्मांतरण का आरोप भी लगा है.
केरल का संगठन है PFI
पीएफआई की स्थापना केरल में हुई थी. लेकिन आज देश में 23 राज्य ऐसे हैं जहां पर पीएफआई का संगठन मौजूद है और लगातार अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. इस संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF)की जगह की गई थी. इसकी जड़े केरल के कालीकट से जुड़ी हुई हैं और इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में स्थित है.
सिमी जैसे कई चरमपंथी संगठनों पर प्रतिबंध लगने के बाद उसके कार्यकर्ता PFI में शामिल हो गए.
आरोप ये भी है कि PFI को पाकिस्तान की बदनाम खुफिया संस्था ISI(इंटर सर्विसेज इंटेलिजेन्स) से भी मदद मिलती है.
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