PM मोदी ने स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया, इसमें नहीं देवी-देवता की मूर्ति, फिर क्यों खास?

Swarved Temple: स्वर्वेद महामंदिर एकसाथ 20 हजार लोग योगाभ्‍यास कर सकते हैं. इसे दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर माना जा रहा है. स्वर्वेद महामंदिर काफी अनोखा है. दरअसल, इस मंदिर में किसी भी देवी-देवता की मूर्ति नहीं है. इस मंदिर में पूजा नहीं होगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 18, 2023, 12:01 PM IST
  • दुनिया के सबसे बड़ा योग सेंटर
  • पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
PM मोदी ने स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया, इसमें नहीं देवी-देवता की मूर्ति, फिर क्यों खास?

नई दिल्ली: Swarved Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के उमराहा में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया. इस उद्घाटन कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. इस मंदिर में एकसाथ 20 हजार लोग योगाभ्‍यास कर सकते हैं. इसे दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर माना जा रहा है. 

नहीं होती पूजा, योग साधकों के लिए बना
स्वर्वेद महामंदिर काफी अनोखा है. दरअसल, इस मंदिर में किसी भी देवी-देवता की मूर्ति नहीं है. इस मंदिर में पूजा नहीं होगी, बल्कि ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के लिए योग साधना होगी. काशी में स्थित इस मंदिर को महामंदिर को योग साधकों की साधना के लिए बनवाया गया है. इसकी लागत करीब 100 करोड़ रुपये है. इस मंदिर को आज से ही आज से आम साधकों व श्रद्धालुओं के लिए खुल दिया जाएगा..

इस मंदिर में क्या-क्या खास?
• यह विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र यानी मेडिटेशन सेंटर है.
• यहां पर 20,000 से अधिक लोग एक साथ बैठ सकते हैं, योग कर सकते हैं
• यह मंदिर 125 पंखुड़ी वालले कमल गुंबद से सजा हुआ है.
• सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के जीवन पर यांत्रिकी प्रस्तुति.
• यहां मकराना मार्बल लगा हुआ जिस पर स्वर्वेद के 3137 छंद उकेरे गए हैं.
• यह मंदिर 3 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा में फैला हुआ है. 
• इसका निर्माण साल 2004 से चल रहा है.
• इस मंदिर में 101 फव्वारे लगाए गए हैं. 
• मंदिर में ही औषधीय जड़ी-बूटियों वाला बगीचा लगाया हुआ है.
• मंदिर की दीवारों पर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट की गई है. 

तमिल संगमम 2.0 का उद्घाटन
पीएम मोदी ने काशी के नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 2.0 का उद्घाटन भी किया. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि तमिलनाडु से काशी आने का मतलब महादेव के एक घर से दूसरे घर आना जैसा है. तमिलनाडु से काशी आने का मतलब मदुरै मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना है. इसी कारण तमिलनाडु और काशी के लोगों के बीच का प्रेम और संबंध अलग व अद्वितीय है. पीएम ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है काशी के लोग आप सभी (तमिल वासियों) की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ रहे होंगे. यहां से जाते समय आप बाबा काशीविश्वनाथ के आशीर्वाद के साथ काशी का स्वाद, काशी की संस्कृति और काशी की स्मृतियां भी साथ लेकर जाएंगे.

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