नेतन्याहू के साथ पीएम मोदी की महत्वपूर्ण फ़ोन वार्ता

दुश्मन चीन अपनी शातिराना हरकतों पर कायम है और दूसरी तरफ उसने पाकिस्तान तथा नेपाल को भारत के खिलाफ अपना अनुचर बनाया हुआ है. ऐसे में भारत ने भी अपने मित्रों का समर्थन मजबूत करना शुरू कर दिया है. चिंता चीन को लेकर नहीं है बल्कि ध्यान वैश्विक शक्ति-संतुलन की दिशा में है..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 11, 2020, 07:22 AM IST
    • पीएम मोदी की फ़ोन वार्ता नेतान्याहू के साथ
    • इज़राइल है एक योद्धा-राष्ट्र और भारत का अच्छा मित्र
    • पीएम मोदी ने ट्वीट करके दी जानकारी
    • पोस्ट-कोविड वर्ल्ड में आपसी सहयोग पर हुई चर्चा
नेतन्याहू के साथ पीएम मोदी की महत्वपूर्ण फ़ोन वार्ता

नई दिल्ली.  भारतीय प्रधानमंत्री जितने शांत दीखते हैं उतने ही गंभीर हैं. उनकी गंभीरता अंदर ही अंदर देश की सुरक्षा और सम्प्रभुता को लेकर वैचारिक मंथन में प्रायः व्यस्त होती है और वे ऊपर से निश्चिन्त और प्रशांत दृष्टिगत होते हैं. चीन को सोच में डाल देने वाली योजना के साथ पीएम मोदी ने अब वैश्विक स्तर पर भी भारत राष्ट्र की सुरक्षा और समर्थन की व्यवस्था हेतु विशिष्ट योजना पर कार्य प्रारम्भ कर दिया है. 

पीएम मोदी ने किया ट्वीट 

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बुधवार दस जून की शाम को  हुई अपनी फ़ोन वार्ता की जानकारी ट्वीट करके दी जिसे चीन में एक नहीं अनेकों बार पढ़ा गया होगा और उसके अनेकों अर्थ भी लगाए गए होंगे.  
 
क्या लिखा प्रधानमंत्री ने ट्वीट में 

अपने विशिष्ट ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा कि मेरे मित्र प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ मेरी बहुत अच्छी तरफ फोन-वार्ता हुई . इस फ़ोन वार्ता में हम दोनों ने ही इस बात पर चर्चा की कि किस प्रकार भार और इजरायल मिलकर कोविड के बाद की दुनिया में पारस्परिक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम नेतान्याहू को उनके रिकॉर्ड 5वीं बार प्रधानमंत्री पद पर विराजने के लिए बधाइयां भी सम्प्रेषित कीं.

इज़राइल है योद्धा-राष्ट्र 

इज़राइल को युद्ध-चरित्र का राष्ट्र कहा जा सकता है.  अपने चारों तरफ शत्रु इस्लामी राष्ट्रों से घिरा इज़राइल सबसे अकेले ही संघर्ष करता है और अविजित और अपराजेय रहता है. अमेरिका को इज़राइल की मित्रता पर गर्व है और अब यही इज़राइल भारत से अपनी मैत्री के लिए गर्व करता है. जितना मोसाद को दुनिया में अपनी निष्णात गुप्तचर व्यवस्था के लिए जाना जाता है उतने ही इज़राइल के पीएम बेंजामिन नेतान्याहू भी अपने राष्ट्रवाद के लिए मशहूर हैं.  

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