UP: लालच से हारी मानवता, फटे पेट बच्ची को किया अस्पताल से बाहर

तीन साल की खुशी मिश्रा को पेट में दर्द होता था. ऐसे में परिवार ने उसे यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया. यहां डॉक्टरों ने बताया कि आंत में इन्फेक्शन है. इसके कुछ दिन बाद बच्ची के पेट का ऑपरेशन किया गया, लेकिन यही ऑपरेशन बच्ची की लिए मौत की वजह बन गया.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 6, 2021, 04:13 PM IST
  • पांच लाख की मांग पूरी नहीं हुई तो बच्ची को अस्पताल से निकाला
  • बिना पेट सिले निकाल दिया बाहर, इलाज के अभाव में हुई मौत
UP: लालच से हारी मानवता, फटे पेट बच्ची को किया अस्पताल से बाहर

प्रयागराजः लाचार बाप अपनी तीन साल की बच्ची को कलेजे से चिपटाए रोता-गिड़गिड़ाता रहा. साहब! बिटिया को बचा लीजिए, साहब! बच्ची मर जाएगी. बेहोश बच्ची का चीरा लगा पेट अपने बाप के गालों से ढुलकते जार-जार बहते आंसुओं से भीगता रहा, लेकिन नहीं भीगा तो उन डॉक्टरों का दिल, जिन्हें धरती के भगवान कहते हैं.

जमीन बिक गई, जायदाद इलाज में चली गई इसके बावजूद एक नन्हीं जान निजी अस्पताल के पांच लाख के लालच के आगे हार गई.

UP के प्रयागराज का वाकया
यह वाकया हुआ यूपी के प्रयाग राज में. यहां पिपरी थाना इलाके के रावतपुर स्थित यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल में एक तीन साल की बच्ची की मौत हो गई. बच्ची का परिवार प्रयागराज के करेली थाना क्षेत्र के करेंहदा में रहता है. जानकारी के मुताबिक, तीन साल की खुशी मिश्रा को पेट में दर्द होता था.

ऐसे में परिवार ने उसे यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया. यहां डॉक्टरों ने बताया कि आंत में इन्फेक्शन है. इसके कुछ दिन बाद बच्ची के पेट का ऑपरेशन किया गया, लेकिन यही ऑपरेशन बच्ची की लिए मौत की वजह बन गया.

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दरअसल, जहां टांका लगा था वहां पस पड़ने लगा था. चार-पांच दिन बाद उसी जगह पर एक और ऑपरेशन किया गया. बच्ची के पिता ने बताया कि ऑपरेशन के लिए डेढ़ लाख रुपये ले लेने के बाद हॉस्पिटल प्रशासन ने पांच लाख रुपये की डिमांड की.

जब रुपये नहीं दे पाए तो हॉस्पिटल ने बच्ची को फटे पेट के साथ ही परिवार समेत बाहर भेज दिया और कहा क‍ि अब इसका इलाज यहां नहीं हो पाएगा.

पीड़ित परिवारा काटता रहा चक्कर
पीड़ित परिवार बिटिया को लेकर शहर के दूसरे अस्पताल का चक्कर काटता रहा, लेकिन कहीं पर उसे भर्ती नहीं किया गया. खुशी की हालत खराब होने पर परिवार दोबारा यूनाइटेड मेडीसिटी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां बच्ची को भर्ती करने से इनकार कर दिया गया. इलाज के अभाव और इंतजार में मासूम की मौत हो गई.

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची के पिता ने इलाज के लिए अपने नाम जो थोड़ा खेत था वह बेच दिया. रिश्तेदारों से भी पैसे उधार लिए लेकिन फिर भी बच्ची को नहीं बचा सका. देखते-देखते 3 साल की बच्ची जो कुछ दिन पहले हंसती-खेलती थी, तड़प-तड़प कर बाप की गोद में ही चल बसी.

टांका लगा भी तब, जब वह नहीं रही
बच्ची की मौत के बाद पीड़ित परिवार और आक्रोशित ग्रामीण हंगामा करने लगे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिवार को समझा कर शांत किया. लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह और शर्मसार करने वाला वाकया था.

पुलिस ने डॉक्टर को बुला कर अस्पातल गेट पर ही बच्ची के पेट में टांका लगवाया. अस्पताल के कर्मचारी ने खुले आसमान के नीचे जमीन पर पड़ी बच्ची के शव के पेट में टांका लगाया. पिपरी पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है.

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डीएम ने दिए कार्रवाई के आदेश
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने मामले का संज्ञान लिया. उन्होंने इस मामले पर एडीएम सिटी और सीएमओ की दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं अस्पताल प्रबंधन ने मृतक बच्ची के परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

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