नई दिल्ली: थल सेना से लेकर वायुसेना तक भारत के मुकाबले चीन कहीं नहीं टिकता है. चीन भले ही भारत को गीदड़भभकी देता है लेकिन चीन के हौसले पस्त हैं. गलवान से पैंगोंग और ब्लैक टॉप तक भारत ने पराक्रम की परिभाषा लिखी है.
भारत की तैयारियों ने उड़ाई जिनपिंग की नींद
भारत जानता है कि शी जिनपिंग पर चढ़े विस्तारवाद के भूत को उतारे बिना अतिक्रमण का ये संक्रमण ख़त्म नहीं होगा. इसलिए भारत ने कमर कस ली है, 5 मई से ही LAC पर जारी तनाव के बीच सैन्य तैयारी लगातार पुख़्ता की जा रही है. और भारत की सैन्य तैयारियों ने शी जिनपिंग की नींद उड़ा रखी है.
LAC पर भारतीय सेना और स्पेशल फोर्स ने चीन ने बेचैन कर दिया है. भारतीय सेना ने इन इन जगहों पर वापस अपना कब्जा कर लिया है.
- हेलमेट टॉप
- ब्लैक टॉप
- गुरुंग हिल
- मगर हिल
ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप पर पर कब्जे का मतलब है उत्तर में पैंगोंग सो के फिंगर 4 लेकर फिंगर 8 तक की हर हलचल पर नज़र और निशाना. यहां टी-90 टैंक भी तैनात किए जा चुके हैं. चीन को शायद ही उम्मीद रही होगी कि भारत इतनी घातक प्रतिक्रिया देगा, लेकिन भारत के पलटवार से चीन के होश उड़ गए.
चीन सीमा पर भारतीय सेना
नॉर्दर्न कमांड- 34,000 सैनिक तैनात
सेंट्रल कमांड- 15,000 सैनिक तैनात
ईस्टर्न कमांड- 1,75,000 सैनिक तैनात
चीन सीमा पर भारत के नॉर्दर्न कमांड के 34,000 सैनिक कभी भी चीन की साजिशों का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं. जबकि सेंट्रल कमांड के 15,000 सैनिक तैनात हैं. तो वहीं ईस्टर्न कमांड के 1,75,000 सैनिक भी मुस्तैद हैं.
वेस्टर्न एयर कमांड
75 - लड़ाकू विमान
5 - राफेल विमान
34 - ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट
5 - एडवांस लैंडिंग ग्राउंड
भारत की वायु शक्ति की बात करें तो वेस्टर्न एयर कमांड के पास 75-लड़ाकू विमान हैं. तो वहीं 5 राफेल विमानों की ताकत भी मिल चुकी है. जो कभी भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं. इसके अलावा 34-ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट और 5-एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भी मौजूद है.
सेंट्रल एयर कमांड
94 - लड़ाकू विमान
34 - ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट
1 - एडवांस लैंडिंग ग्राउंड
सेंट्रल एयर कमांड के पास 94-लड़ाकू विमान, 34-ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट और 1-एडवांस लैंडिंग ग्राउंड जो चीन को सबक सिखा सकते हैं.
ईस्टर्न एयर कमांड
101 - लड़ाकू विमान
9 - एडवांस लैंडिंग ग्राउंड
ईस्टर्न एयर कमांड के पास 101 लड़ाकू विमान की ताकत है. जबकि 9- एडवांस लैंडिंग ग्राउंड हैं, जो चीन की हर हरकत का माकूल जवाब दे सकते हैं. इसीलिए LAC पर भारत का पलटवार देखकर चीन परेशान है क्योंकि वो जानता है कि ये 1962 का भारत नहीं.
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भारत बुद्ध का देश है और युद्ध कभी हमारी प्राथमिकता नहीं रही. इसलिए चीन की भारत शांति की कोई कोशिश कमज़ोर नहीं करना चाहता है. चीन की फ़ितरत में ही धोखा है. इसलिए भारत चौकन्ना है. बातचीत में भी और सैन्य तैयारियो में भी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है.
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