नये नागरिकता कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी, कई लोगों की जिंदगी में आया नया सवेरा

संसद ने पहले ही नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कर दिया था. अब देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे मंजूरी दे दी है. इससे उन लोगों को भारतीय नागरिकता मिलेगी जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में शरण लिये हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 13, 2019, 09:53 AM IST
    • नये नागरिकता कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी
    • देश भर में लागू हुआ बिल
    • शरणार्थियों में खुशी की लहर
    • उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थिति तनावपूर्ण
नये नागरिकता कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी, कई लोगों की जिंदगी में आया नया सवेरा

दिल्ली: तमाम विरोध और प्रदर्शनों के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल अब कानून बन गया है. लोकसभा और राज्यसभा से बिल के पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब ये कानून बन गया है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थी आसानी से भारत की नागरिकता हासिल कर पाएंगे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिल पर किये हस्ताक्षर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिल को अपनी मंजूरी दे दी है. अब इसके बाद नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन हो गया. इस बिल को लोकसभा और राज्यसभा में सरकार ने पहले ही पास करा लिया है. गृहमंत्री अमित शाह की कुशल राजनीतिक व्यूह रचना के आगे विपक्ष के तमाम षडयंत्र निष्तेज हो गये और पड़ोसी अल्पसंख्यकों की जिंदगी में नया सवेरा आ गया.

देश भर में लागू हुआ विधेयक

आपको बता दें कि आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है. इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें उनके देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

क्या है प्रावधान जिसका हो रहा विरोध ?

मालूम हो कि बिल में भारत के इस्लामिक पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम आबादी को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान तो दिया गया है लेकिन मुस्लिमों को इससे वंचित रखा गया है, जिसका विरोध हो रहा है. इसे सेक्टेरियन पॉलिटिक्स का खेल बताया जा रहा है.

शरणार्थियों में खुशी की लहर

पाकिस्तान की एक हिंदू शरणार्थी महिला ने तहे दिल से बिल पास होने की एक तरफ जहां खुशी जताई, तो वहीं अपनी दो दिन की नवजात बच्ची का नाम ही 'नागरिकता' रख दिया है. कई लोगों ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बिल के लागू होने हम भी खुद को गर्व से भारतीय कह सकेंगे. हमारा दिल भारत माता के लिये धड़कता है. ये दिन हमारे लिये किसी होली या दिवाली से कम नहीं है.

उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थिति तनावपूर्ण

 नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थिति तनावपूर्ण है. अडिशनल चीफ सेक्रेटरी कुमार संजय मिश्रा ने बताया कि असम के 10 जिलों (लखीमपुर, तिनसुकिया, धेमाजी, डिब्रूगढ़, कारेडियो, सिवसागर, जोरहाट, गोलाहाट, कामरुप) में मोबाइल सर्विस बंद करने की समय सीमा 48 घंटे और बढ़ा दी है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी सहयोगी पार्टी आईपीएफटी को भरोसा दिलाया कि मोदी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर उनकी चिंताओं का ख्याल रखेगी.

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