नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों ने पूर्व सीजेआई और अब उच्च सदन के सदस्य रंजन गोगोई के एक टीवी शो में साक्षात्कार के दौरान सदन की कार्यवाही में कम भाग लेने के बारे में उनके हालिया बयान पर एक विशेषाधिकार प्रस्ताव नोटिस पेश किया है.
अभी स्वीकार नहीं किया गया है नोटिस
सूत्रों ने कहा कि जवाहर सरकार और मौसम नूर की तरफ से भेजे गए नोटिस को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है. सूत्रों का कहना है कि कम से कम 10 इसी तरह के नोटिस अन्य सदस्यों की ओर से दिए जाने की संभावना है.
संसद में उपस्थिति को लेकर दिया था बयान
साक्षात्कार के दौरान पूर्व सीजेआई ने संसद में उनकी कम उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कारणों में कोविड-19 के कारण प्रतिबंध और सामाजिक दूरी की कमी का हवाला दिया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, "जब मेरा मन करता है तो मैं राज्यसभा जाता हूं, जब मुझे लगता है कि महत्वपूर्ण मामले हैं, जिन पर मुझे बोलना चाहिए. मैं एक मनोनीत सदस्य हूं, किसी पार्टी व्हिप की ओर से शासित नहीं हूं."
उनके बयान और उच्च सदन की तुलना ट्रिब्यूनल से किए जाने से विपक्षी सदस्य नाराज हो गए.
जयराम रमेश ने जताई आपत्ति
कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "यह असाधारण है और वास्तव में संसद का अपमान है कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई कहते हैं कि वह राज्यसभा में भाग लेंगे, जब उन्हें जरूरी लगेगा, क्योंकि उन्हें मनोनीत किया गया है! संसद सिर्फ बोलने के लिए नहीं, बल्कि सुनने के लिए भी है."
सीजेआई के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था.
बता दें कि बीते दिनों अपनी आत्मकथा ''जस्टिस फॉर द जज'' के विमोचन के मौके पर पूर्व प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने विवादास्पद समेत सभी मुद्दों पर बात की थी. उन्होंने 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान राज्यसभा की सदस्यता के एवज में अयोध्या पर फैसला सुनाने संबंधी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.
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