नई दिल्लीः अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को बताया कि इटली में जन्मीं उनकी मां सोनिया गांधी को शुरुआती दिनों में भारतीय परंपराएं सीखने में थोड़ी मुश्किल हुई और उन्हें राजनीति बिलकुल पसंद नहीं थी.
'दो साहसी महिलाओं ने की मेरी परवरिश'
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति की ओर से बेंगलुरु में आयोजित महिला केंद्रित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि उनकी परवरिश दो साहसी महिलाओं... दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी... ने की है.
'अंतिम सांस तक देश सेवा करती रहीं इंदिरा'
प्रियंका ने याद किया कि जब वह आठ साल की थीं, उस वक्त उनकी दादी इंदिरा गांधी ने अपना 33 साल का बेटा खो दिया. लेकिन संजय गांधी की मृत्यु के अगले ही दिन वह देश सेवा में जुट गयीं और अपनी कर्तव्य की भावना और ‘आंतरिक शक्ति’ के बल पर इंदिरा गांधी अंतिम सांस तक देश सेवा करती रहीं.
'भारतीय परंपराओं को सीखने में सोनिया को हुईं दिक्कतें'
प्रियंका ने बताया कि उनकी मां सोनिया को महज 21 साल की उम्र में राजीव गांधी से प्रेम हो गया था. उन्होंने कहा, ‘वह (सोनिया) उनसे (राजीव) शादी करने के लिए इटली से भारत चली आईं. हमारी परंपराओं को सीखने में उन्हें थोड़ी मुश्किलें हुईं. उन्होंने भारतीय जीवनशैली को सीखा. उन्होंने इंदिराजी से सब कुछ सीखा और 44 साल की उम्र में अपने पति को खो दिया.’
प्रियंका ने कहा, हालांकि उन्हें राजनीति पसंद नहीं थी, फिर भी उन्होंने देश सेवा का रास्ता चुना और 76 साल की उम्र में आज भी देश की सेवा कर रही हैं.
सोनिया को इंदिरा से मिली सीखः प्रियंका
उन्होंने कहा, सोनिया ने इंदिरा गांधी से ‘बेहद महत्वपूर्ण बात’ सीखी. प्रियंका ने कहा, ‘आपके जीवन में चाहे कुछ भी हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितनी बड़ी त्रासदी झेली है, या आपका संघर्ष कितना मुश्किल है... घर हो या काम या फिर कहीं और, आपमें खड़े होकर अपने लिए लड़ने की ताकत है.’
(इनपुटः भाषा)
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