अमृतसर/लुधियाना/होशियारपुर. प्रदूषण रोकने के लिए पराली जलाने को लेकर मुकदमे दर्ज करने पर पंजाब में किसानों के भीतर रोष है. इसी के मद्देनजर कई संगठनों ने पंजाब में किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग करते हुए सोमवार को कई स्थानों पर उपायुक्तों एवं एसडीएम कार्यालयों के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया.
ट्रॉली में भर किसान संगठनों ने प्रदर्शन
दरअसल धान की पराली के निस्तारण का दीर्घकालिक समाधान की मांग करते हुये प्रदर्शनकारी किसान उपायुक्त एवं एसडीएम कार्यालयों में पराली से भरी ट्रॉलियां लेकर आए.इस 4 घंटे के विरोध का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा समेत अन्य 18 निकायों द्वारा किया गया था.
दरअसल दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण की भारी समस्या के मद्देनजर पंजाब में पराली जलाने को लेकर सरकार सख्त हुई है. अब आंदोलनकारी किसानों ने प्राथमिकी दर्ज करने और फसल अवशेष जलाने के लिये किसानों पर लगाए गए जुर्माने को वापस लेने समेत कानूनी कार्यवाही वापस लेने की मांग की है.
किसानों ने गन्ने की दरों में वृद्धि और भारतमाला परियोजनाओं के तहत भूमि अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजे की भी मांग की. पंजाब के मोगा जिले में ट्रैक्टर ट्रॉलियों में पराली ला रहे किसानों के एक समूह ने कहा कि उन्हें धरना देने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया.राज्य के विभिन्न हिस्सों में किसान संगठनों ने यह प्रदर्शन किया.
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