नई दिल्ली: 2,000 रुपये के नोट जल्द ही चलन से बंद होने वाले हैं. इसके चलते अब इन नोटों का लेन-देन मार्केट में काफी बढ़ गया है. इसका सबसे ज्यादा असर पेट्रोल पंपो पर देखने को मिल रहा है. पंजाब पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक नोट वापस लेने के फैसले के बाद से 90 प्रतिशत लेनदेन सिर्फ 2,000 रुपये के नोट से ही हो रहे हैं.
नोटबदली ने खड़ी की पेट्रोल पंपों पर मुश्किलें
एसोसिएशन का कहना है कि 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने के फैसले ने फिर से पेट्रोल पंपों पर वैसी ही मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है, जैसी 2016 की नोटबंदी के दौरान थी. इसको देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकों को पर्याप्त छोटे मूल्यवर्ग के नोट उपलब्ध कराने के लिए दिशानिर्देश जारी करने के लिए कहा गया है.
छोटी खरीदारी के लिए भी 2,000 रुपये के नोट दे रहे ग्राहक
एसोसिएशन के महासचिव राजेश कुमार ने कहा, 'ज्यादातर ग्राहक 100-200 रुपये की छोटी खरीदारी के लिए भी 2,000 रुपये के नोट दे रहे हैं और हमें छुट्टे की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है.' कुमार ने कहा कि ज्यादातर उपभोक्ता पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए नोटों का उपयोग कर रहे हैं. नोटों को वापस लेने के फैसले के बाद से फ्यूल बंकों पर कैश पेमेंट्स में काफी बढ़ोत्तरी हुई है.
40 प्रतिशत से 10 प्रतिशत घटी डिजिटल पेमेंट
ज्यादातर पेट्रोल पंपो के मालिकों को डर है कि उन्हें एक बार फिर उन परेशानियों का सामना करना पड़ेगा जो उन्हें 2016 के नोटबंदी में करना पड़ा था. बता दें कि 2016 में नोटबंदी के बाद अधिकांश डीलरों को कर अधिकारियों की ओर से परेशान किया गया था. महासचिव राजेश कुमार के मुताबिक रोजाना 40 प्रतिशत होने वाली डिजिटल पेमेंट अब घटकर केवल 10 प्रतिशत रह गई है. वहीं कैश पेमेंट में अचानक से बढ़ोत्तरी हुई है.
इनपुट- आईएएनएस
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