रांची: झारखंड में विधानसभा चुनावों की मतगणना 8 बजे से शुरू हो जायेगी. मुख्यमंत्री रघुवरदास ने अपनी सरकार की वापसी का दावा किया है. उन्होंने कहा कि सर्वे चाहे जो भी रहे हों लेकिन सरकार भाजपा की ही बनेगी. भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने राज्य में हर क्षेत्र में विकास किया है. झारखंड में लोगों का मिजाज कुछ ऐसा रहा है कि जो नेता भी सीएम की कुर्सी पर विराजमान रहा, उसे कभी न कभी चुनाव में जनता ने हार का स्वाद चखाया है. अब तक राज्य का कोई भूतपूर्व सीएम इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया है.
19 साल में 6 मुख्यमंत्री बने
झारखंड राज्य के सृजन को 19 साल हो चुके हैं. इस दौरान 3 बार विधानसभा चुनाव हुए और अस्थिरता के दौर से गुजरे झारखंड में 6 राजनेता मुख्यमंत्री बने. बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधू कोड़ा, हेमंत सोरेन और रघुवर दास को झारखंड का सीएम बनने का सौभाग्य मिला है. इस बार चौथी बार झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव हो रहा है. जब 15 नवंबर 2000 को झारखंड का गठन हुआ था तो उस समय अविभाजित बिहार के विधानसभा चुनाव में जीते सदस्यों के सहारे ही झारखंड की पहली विधानसभा का गठन हुआ था.
मुख्यमंत्रियों के हारने का रहा है रिकॉर्ड
झारखंड के सभी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधू कोड़ा, हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. शुरुआत शिबू सोरेन से करते हैं. 27 अगस्त 2008 को मधु कोड़ा ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद तत्कालीन जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन राज्य के सीएम बने.
2014 विधानसभा चुनाव में हारे थे सभी 4 पूर्व मुख्यमंत्री
2014 के विधानसभा चुनाव में झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी दो सीटों राजधनवार और गिरिडीह से चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन दोनों सीटों पर उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा. वर्तमान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन 2014 में खरसावां सीट से उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी 2014 चुनाव हार गये थे. 2014 में जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष को झारखंड का मुख्यमंत्री रहते हुए हार का मुंह देखना पड़ा था. 2014 विधानसभा चुनाव में हेमंत दो विधानसभा सीट दुमका और बरहेट से झामुमो प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे थे.