नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Rail Minister Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं होने जा रहा है. मंत्री ने ये बात ज़ी हिन्दुस्तान के राइज कॉन्क्लेव 2021 (Zee Hindustan Rise Conclave 2021) में कही. इसके साथ ही मंत्री ने उन कयासों पर भी पूर्ण विराम लगा दिया जिसमें कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार रेलवे को निजी हाथों में सौंप सकती है.
'रेलवे के निजीकरण का कोई विचार नहीं'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे के निजीकरण के बारें में सोच भी नहीं रही है और न ही सरकार की ऐसी कोई योजना है. अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'रेलवे को प्राइवेटाइज करने की कोई योजना नहीं है. रेलवे बहुत कॉप्लेक्स सिस्टम है, ऐसे में इसके प्राइवेटाइजेशन के बारे में सोचा भी नहीं गया और कोई प्लान भी नहीं है.'
'रेलवे के सिस्टम को ओपन बनाने की तैयारी'
मंत्री ने कहा कि सरकार रेलवे में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप कैसे जुड़े और ये सिस्टम कोलस्ड की जगह ओपन सिस्टम बने, इस बारे में जरूर सोच रही है. उन्होंने कहा कि यात्रियों को कॉप्टेटिव कीमतों में कैसे बेहतर सुविधा मिले इस योजना पर काम किया जा रहा है. इसके लिए बहुत सारे इनोवेशन आएंगे लेकिन प्राइवेटाइजेशन की कोई योजना नहीं है.'
ज़ी हिन्दुस्तान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव EXCLUSIVE
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रेलवे में ढाई से तीन लाख करोड़ रुपये हर साल निवेश की जरूरत'
रेल मंत्री ने कहा कि आज रेलवे में हर साल ढाई से तीन लाख करोड़ रुपये निवेश करने की जरुरत है, तभी जाकर जीडीप की ग्रोथ और पीएम की गति शक्ति का लक्ष्य पूरा हो पाएगा. इसके लिए लगातार हम काम कर रहे हैं.
100 स्टेशनों का होगा रीडेव्लपमेंट
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का सपना है कि रेलवे स्टेशनों का विश्व स्तरीय विकास हो, इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है. इसी क्रम में आने वाले तीन सालों में 100 के करीब स्टेशनों का रीडेव्लपमेंट होगा. साथ ही 75 वर्ल्ड क्लास ट्रेनों को देश के कोने-कोने से जोड़ने की योजना 2023 तक है.
'डिमांड के मुताबिक सर्विस देना अभी मुश्किल'
हालांकि, मंत्री ने ये भी स्वीकार किया कि डिमांड के मुताबिक सर्विस देने में अभी समय लगेगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में रेलवे में बहुत परिवर्तन देखने को मिलेगा और यात्रियों को कई सुविधाएं भी मिलेंगी. इस दौरान मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में भारत सेमी-कंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के साथ इसका निर्यातक भी बनेगा.
कार्यक्रम की शुरुआत में ज़ी-हिंदुस्तान के मैंनेजिंग एडिटर शमशेर सिंह ने राइज कॉन्क्लेव 2021 के आयोजन के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया.
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