किरोड़ी लाल मीणा को मंत्री पद से मोह नहीं! पहले भी छोड़ चुके हैं, पत्नी ने भी दिया था इस्तीफा

राजस्थान की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने मंत्री पद छोड़ा हो, इससे पहले भी वह मंत्री पद छोड़ चुके हैं. यही नहीं उनकी पत्नी भी मंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 4, 2024, 03:05 PM IST
  • मंत्री पद से नहीं रहा है मोह
  • पत्नी ने भी दिया था इस्तीफा
किरोड़ी लाल मीणा को मंत्री पद से मोह नहीं! पहले भी छोड़ चुके हैं, पत्नी ने भी दिया था इस्तीफा

नई दिल्लीः 'रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाई पर बचन न जाई.' राजस्थान की राजनीति में कद्दावर चेहरा किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा के बाद सोशल मीडिया पर रामचरितमानस की ये लाइनें पोस्ट कीं. राजस्थान में आदिवासी मीणा समुदाय के बड़े नेता किरोड़ी लाल ने पहली बार मंत्री पद को नहीं ठुकराया है. इससे पहले भी वह ऐसा कर चुके हैं.

किरोड़ी लाल मीणा ने क्यों दिया इस्तीफा

इस बार की वजह दौसा सीट से बीजेपी की हार है. उन्होंने कहा कि वह जनता में घोषणा कर चुके हैं कि अगर हम दौसा सीट नहीं जीते तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और मैंने ऐसा किया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि अगर उनके अधीन आने वाली 7 सीटों में से कोई भी सीट बीजेपी हारती है तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे.

हालांकि जानकारों का मानना है कि उनके इस्तीफे की वजह सिर्फ दौसा से चुनावी हार नहीं है. वह कई मुद्दों को लेकर मुखरता से बोलते हैं. अब वह सरकार से बाहर होकर फिर से इन मुद्दों को उठा सकेंगे. साथ ही राज्य में चुनाव के बाद बीजेपी की सरकार बनने पर कयास लगाए गए थे कि उन्हें डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है लेकिन उन्हें कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री का पद दिया गया. 

रिपोर्ट्स की मानें तो लोकसभा चुनाव के दौरान किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा दौसा से बीजेपी से टिकट के दावेदार बताए जा रहे थे लेकिन पार्टी ने कन्हैयालाल मीणा को प्रत्याशी बनाया जो चुनाव हार गए. 

मंत्री पद से नहीं रहा है मोह

वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल के दौरान गुर्जर समाज को एसटी में शामिल करने की मांग उठी तो पूर्वी राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा की अगुवाई में गुर्जरों के खिलाफ मीणा उतर गए थे. तब मीणा ने वसुंधरा राजे से आरक्षण में छेड़छाड़ ने करने की अपील की थी. इसके बाद गुर्जर आरक्षण हिंसक हो गया था. फिर जब गुर्जर जाति के आरक्षण को लेकर गठित किए गए चोपड़ा आयोग ने अपनी रिपोर्ट तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे को सौंपी तो मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

पत्नी ने भी दिया था इस्तीफा

इसके बाद राजे और मीणा के बीच दूरियां बढ़ गईं. 2008 के चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी पत्नी गोलमा देवी को मैदान में उतारा. इसके बाद राज्य में गहलोत सरकार आई और उसमें गोलमा देवी मंत्री बनीं. इंडिया टुडे हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, किरोड़ी लाल के कहने पर गोलमा देवी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. कहा जाता है कि पूर्वी राजस्थान में उनकी सिफारिश पर सीटें नहीं देने से वह कांग्रेस से नाराज थे.

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