चुनाव लड़ने को लेकर राकेश टिकैत का बड़ा ऐलान, अखिलेश यादव ने दिया था 'ऑफर'

राकेश टिकैत 383 दिनों के बाद अपने घर लौटे. वह अपने समर्थकों के साथ सिसौली गांव में जुलूस में पहुंचे. यहां टिकैत ने चुनाव लड़ने के बारे में खुलकर बात की.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 16, 2021, 11:58 AM IST
  • जानिए राकेश टिकैत ने चुनाव लड़ने के बारे में क्या कहा
  • बोले- किसान के संघर्ष को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा
चुनाव लड़ने को लेकर राकेश टिकैत का बड़ा ऐलान, अखिलेश यादव ने दिया था 'ऑफर'

मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान संघ (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने चुनाव लड़ने के बारे में खुलकर बातचीत की. उन्होंने किसानों आंदोलन पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि किसानों के संघर्ष को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा.

होर्डिंग्स में तस्वीर नहीं लगाने की दी चेतावनी
टिकैत ने स्पष्ट किया कि उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है और लोगों को राजनीतिक होर्डिंग्स पर अपनी तस्वीरों का इस्तेमाल करने पर चेतावनी भी दी है.

'किसी भी राजनीतिक दल से नहीं है लेना-देना'
उन्होंने कहा, 'मेरा किसी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है.' टिकैत बुधवार देर रात गांव सिसौली में किसानों को संबोधित कर रहे थे. वह 383 दिनों के धरने के बाद घर लौटे थे.

उन्होंने कहा, "हमारा संघर्ष सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. मैं अंतिम सांस तक किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करता रहूंगा."

चौराहों पर बांटे गए लड्डू
राकेश टिकैत अपने समर्थकों के एक बड़े जुलूस में सिसौली पहुंचे और पूरे रास्ते फूलों से रैली में वर्षा की गई. मेरठ-मुजफ्फरनगर राजमार्ग पर हर चौराहे पर 'लड्डू' बांटे गए और गाजीपुर सीमा से मुजफ्फरनगर तक हर 25 किलोमीटर पर लंगर का आयोजन किया गया.

पत्नी ने टिकैत के स्वागत में जलाए दीये
टिकैत की पत्नी सुनीता देवी ने जाट कॉलोनी स्थित अपने घर में उनका स्वागत करने के लिए सैकड़ों दीये जलाए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मेरे पति आज 383 दिनों के बाद घर आ रहे हैं. उनके स्वागत में मुझे जितने दीपक जलाने चाहिए, उतने कम नहीं होंगे. जैसे भगवान राम अयोध्या वापस आए, मेरे राम आज घर आ रहे हैं." किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से टिकैत घर नहीं गए थे.

बता दें कि बुधवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राकेश टिकैत को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था. अखिलेश यादव ने कहा था कि राकेश टिकैत किसानों के एक बड़े नेता हैं, उनका आंदोलन भी राजनीति से दूर रहा है. ऐसे में फैसला उनको लेना है. अगर वे चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं तो हम इसका स्वागत करेंगे. 

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