नोएडाः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारत के विभाजन को लेकर बात की. उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के विभाजन की पीड़ा का समाधान विभाजन को निरस्त करना ही है. उन्होंने कहा कि दोबारा देश का विभाजन नहीं होगा.
विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे थे भागवत
नोएडा में ‘भारत के विभाजन के साक्षी’ नामक पुस्तक का विमोचन करते हुए भागवत ने यह भी कहा कि भारत की पारंपरिक विचारधारा का सार सबको साथ लेकर चलना है, खुद को सही और दूसरों को गलत मानना नहीं. भागवत ने कहा, ‘‘इसके विपरीत, इस्लामी आक्रांताओं की सोच यह थी कि वे खुद को सही और दूसरों को गलत मानते थे. अतीत में संघर्ष का मुख्य कारण यही था. अंग्रेजों की भी यही सोच थी, उन्होंने 1857 के विद्रोह के बाद हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच अलगाव को बढ़ाया.’’
#WATCH | Partition was no solution. Neither India is happy with it, nor those who demanded it in the name of Islam: RSS chief Mohan Bhagwat at a book launch event in Noida
(Video: RSS) pic.twitter.com/fxIfsm4err
— ANI UP (@ANINewsUP) November 25, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह 1947 का नहीं, बल्कि 2021 का भारत है. विभाजन एक बार हो गया, वह दोबारा नहीं होगा. जो इसके उलट सोच रखते हैं, वे खुद बर्बाद हो जाएंगे.’’ RSS की ओर से जारी एक बयान में अनुसार, भागवत ने कहा, ‘‘भारत के विभाजन की पीड़ा का समाधान विभाजन को निरस्त करना ही है.’’
ठीक नहीं था विभाजन का उपाय
विमोचन कार्यक्रम के दौरान भागवत ने कहा, ‘‘खून की नदियां न बहें, इसलिए भारत विभाजन का प्रस्ताव स्वीकार किया गया. अगर प्रस्ताव स्वीकार नहीं करते तो जितना खून बहता, उससे कई गुना ज्यादा खून उस समय बहा और आज तक बह रहा है. एक बात साफ है विभाजन का उपाय ठीक नहीं था. न उससे भारत सुखी है और न वो सुखी हैं जिन्होंने इस्लाम के नाम पर इसकी मांग की.’’
सरसंघचालक ने कहा, ‘‘विभाजन को समझना है तो उस समय से शुरू करना है. विभाजन उस समय की परिस्थितियों से ज्यादा इस्लाम और ब्रिटिशों के आक्रमण का नतीजा है. इस्लाम का आक्रमण को लेकर गुरु नानकदेवजी ने सावधान किया था.’’
यह भी पढ़िएः सिद्धू ने फिर बोला कांग्रेस पर हमला, सीएम चन्नी को दी आमरण अनशन की धमकी
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.