नई दिल्ली: पीएम मोदी से शरद पवार की मुलाकात हुई तो सियासत में गरमी बढ़ गई. एनसीपी को सफाई पेश करनी पड़ी. कहा ये गया कि पवार नए बैंकिंग कानून को लेकर पीएम से मिले है. इतना ही नहीं पार्टी ने तो ये भी कहा कि कांग्रेस को सब पता है.
मुलाकात हुई, क्या बात हुई?
शनिवार को शरद पवार प्रधानमंत्री मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे थे. जैसे ही मुलाकात की ये तस्वीर सामने आई. दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक राजनीतिक हलचल तेज हो गई. प्रधानमंत्री मोदी और शरद पवार की ओर से मुलाकात को लेकर ट्वीट भी किया गया.
Met the Hon. Prime Minister of our country Shri Narendra Modi. Had a discussion on various issues of national interest.@PMOIndia pic.twitter.com/AOp0wpXR8F
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) July 17, 2021
सियासत के शनिवार की सबसे पावरफुल तस्वीर है. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तो दूसरी तरफ एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार.. दोनों नेताओं के बीच 50 मिनट तक बातचीत चली तो राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे. हालात ये हो गए कि दोनों की मुलाकात को लेकर एनसीपी को सफाई देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलानी पड़ी.
मोदी-पवार की मीटिंग की वजह
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने मोदी और पवार की मीटिंग की वजह बताई. उन्होंने कहा कि 'आज स्वयं पवार साहब मोदी जी से मिले. बैंक REGULATORY एक्ट में जो बदलाव किये गए. बैंक के अधिकार को मर्यादित कर RBI को ज्यादा अधिकार दिए गए. जो ज्ञापन पवार साहब ने दिया मै आपको दूंगा. नया बैंकिंग रेगुलेटरी में बदलाव किया गया है, उसको लिखित तौर पर दिया गया है.'
एनसीपी के मुताबिक पीएम मोदी और शरद पवार के बीच मुलाकात की वजह बैंकिंग रेग्युलेशल एक्ट में किए गए बदलाव बताई जा रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पवार की ओर से एक ज्ञापन दिया गया. इस ज्ञापन में शरद पवार ने नए बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट पर सवाल उठाए. शरद पवार ने ट्वीट किया. एक चिट्ठी के जरिए, मैंने सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के कुछ विवादास्पद नियमों को लेकर माननीय प्रधानमंत्री जी का ध्यान आकर्षित किया.
Through a letter, I have drawn the kind attention of our Hon’ble PM towards issues and conflicts in the wake of certain developments in the co-operative banking sector. Although the objects and reasons for amending the Act can be lauded, pic.twitter.com/DCVpJs1zAi
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) July 17, 2021
NCP भले ही शरद पवार की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात को सामान्य बता रही है, लेकिन इस मुलाकात पर सवाल इसलिए भी उठने शुरू हुए. क्योंकि एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री पीय़ूष गोयल शरद पवार के घर जाकर मिले थे और उसी दिन शरद पवार ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद शनिवार को शरद पवार प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंच गए.
इस मुलाकात से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि कहीं महाराष्ट्र में बीजेपी-एनसीपी साथ तो नहीं आ रहे हैं? इस सवाल का जवाब भी एनसीपी की ओर से दिया गया.
एक नदी के दो छोर हैं BJP और NCP
NCP नेता नवाब मलिक ने कहा कि 'बीजेपी और एनसीपी एक नदी के दो छोर हैं. जब तक नदी में पानी है तब तक दोनों साथ नहीं आ सकते. हम वैचारिक और राजनीतिक रूप से बिल्कुल अलग हैं. राजनीति विचारों के आधार पर होती है. संघ का राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रवाद में जमीन आसमान आ अंतर है. नदी के दो छोर कभी नहीं मिल सकते, ये सच्चाई है.'
एनसीपी की सफाई के बाद शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत भी सामने आए. उन्होंने पीएम मोदी और पवार की मुलाकात को सामान्य बताने की कोशिश की. राउत ने कहा कि 'किसी को आश्चर्य करने की जरूरत नही हैं, पीएम से कोई भी मिल सकता है. पवार साहब मोदी जी के रिश्ते हैं, पवार साहब ने फाइल भी साथ रखी है. तो पवार साहब मिले हैं, पवार जी से जब मैं मिलूगां तो हम बात कर लेंगे.'
महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन की सरकार है. पिछले कुछ दिनों से महाविकास अघाड़ी सरकार में सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा है, तीनों दलों के नेताओं के बीच किसी न किसी मुद्दे पर बयानबाज़ी हो रही है.
फिलहाल एनसीपी ने महाराष्ट्र से दिल्ली तक सभी तरह की कयासबाज़ी पर लगाम लगाने की कोशिश तो की है, लेकिन क्या वाकई जैसा एनसीपी कह रही है. सबकुछ वैसा ही है या फिर कोई और राजनीतिक समीकरण बन रहा है. इसके लिए कुछ दिन इंतज़ार करना पड़ेगा.
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