नई दिल्ली: घाटी में कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार का इतिहास पूरा देश जानता है. नया ये है कि कश्मीर में अब सिख भी सुरक्षित नहीं हैं. श्रीनगर में दो सिख बेटियों का बंदूक की नोक पर अपहरण और फिर जबरन धर्म परिवर्तन के बाद निकाह मामले ने तूल पकड़ लिया है. दिल्ली से लेकर जम्मू और श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
कश्मीर में सिख बेटियों का धर्म परिवर्तन
18 साल की सिख बेटी को अगवा करके 50-60 साल के बूढ़े मुसलमान से निकाह करा दिया गया. कश्मीर में ये पहला मसला नहीं है, ये तो सिखों के संगठन जब प्रदर्शन करने लगे तब पता चला कि पिछले एक महीने में जबरन चार सिख लड़कियों को अगवा करके धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है. एक लड़की तो परिवार को वापस मिल गई है, लेकिन बाकी तीन लड़कियों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है.
पिछले तीन दिन से श्रीनगर की सड़कों से लेकर गुरुद्वारों तक और सत्ता से लेकर सरकार तक सिख मदद की गुहार कर रहे हैं, क्योंकि इनकी बेटियां घरों से अगवा की जा रही हैं. इनकी शिकायत है कि कश्मीर में एक महीने में चार-चार बेटियों का जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह कराया जा चुका है और शनिवार को तो एक ही दिन में दो लड़कियों को कोर्ट में लाकर निकाह पर मंजूरी भी लगवा ली गई है.
लड़की को किया अगवा और जबरन निकाह
वैसे, सिख समुदाय के लोग फिलहाल जिस मसले को लेकर सबसे ज्यादा नाराज हैं. वो ताजा मामला रैनावारी गांव का है. आरोप है कि 21 तारीख को ही 18 साल की सिख लड़की को अगवा किया गया. माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने 36 घंटे का वक्त मांगा, लेकिन लड़की नहीं मिली.
शनिवार को अचानक लड़की को अदालत में पेश कर दिया गया और पता चला कि लड़की का निकाह एक ऐसे शख्स से करा दिया गया जिसकी पहले से दो शादियां और बाल-बच्चे भी हैं.
प्रदर्शनकारी सिख संगठनों का आरोप है कि जबरन धर्म परिवर्तन के इस खेल में नीचे से ऊपर तक मिलीभगत है. वरना रात दस बजे अदालत खोलकर एकतरफा सुनवाई नहीं होती.
आरोप है कि जिस शख्स से 18 साल की सिख लड़की का निकाह कराया गया है वो खुद को जम्मू कश्मीर पुलिस का डीएसपी भी बताता है.
मनोज सिन्हा से प्रदर्शनकारियों ने की मुलाकात
श्रीनगर के सिख समुदाय के लोग उस लड़की की बरामदगी के लिए शनिवार से ही सड़कों पर हैं, रोज प्रदर्शन हो रहे हैं. मनजिंदर सिंह सिरसा की अगुवाई में प्रतिनिधि दल ने जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से मुलाकात की. आईजी विजय कुमार और एएसपी से भी मिले. क्योंकि मसला सिर्फ एक लड़की का नहीं, अब तक ऐसे 4 मामले सामने आ चुके हैं. लिहाजा इनकी मांग अब ये है कि कश्मीर में भी यूपी और एमपी की तरह का जबरन धर्म परिवर्तन निरोधी कानून फौरन बनाया जाए.
उत्तर प्रदेश का धर्म स्वातंत्र्य कानून क्या है?
जबरन धर्म परिवर्तन गैरजमानती अपराध है. जबरन धर्मांतरण कराने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन गंभीर अपराध है, सिर्फ विवाह के लिए धर्म परिवर्तन, तो विवाह रद्द हो जाएगा. निर्दोष साबित करने की जिम्मेदारी आरोपी पर होगी. पीड़ित के रिश्तेदार भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. धर्म बदलने के लिए 60 दिन पहले आवेदन देना होगा. डीएम के सामने व्यक्ति की पहचान कराना जरूरी होगा. डीएम धर्म परिवर्तन की वजह की जांच करते हैं. अनुमति मिलने के बाद ही धर्म परिवर्तन संभव होगा.
अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि 'हमें ये आश्वासन मिला है कि किसी भी सूरत में वो बच्चियां, जो अगवा की गई हैं, जिनका जबरन निकाह पढ़ा गया है. किसी भी सूरत में वहां नहीं रहने दी जाएंगी. लोगों को कहा जाता है कि वहां कश्मीरी पंडितों को वापस लाया जाएगा. आपको वापस कैसे बसाएंगे, जब यहां पर जो लोग रहते हैं, वही सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे.'
विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने क्या-क्या कहा?
प्रदर्शनकारियों ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए कहा है कि 'जबरदस्ती अगर कोई धर्म परिवर्तन करेगा तो उसके खिलाफ हम आवाज उठाएंगे और उसे सख्त सजा भी दिलाएंगे. अगर हम लोगों की बहन बेटियों को बचा सकते हैं, तो हम अपनी बहन बेटी को बचाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं, उनको भी अंदाजा नहीं होगा.'
एक प्रदर्शनकारी ने ये भी कहा कि हम किसी भी कम्युनिटी के खिलाफ नहीं हैं. हम यही कहना चाहेंगे कि हर कम्युनिटी चाहे. मुस्लिम हो, चाहे सिख हो, चाहे हिंदू हो, वो ऐसे लोगों को पहचाने और निशानदेही करें ताकि ऐसे मामले दोबारा ना हों.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमारी ये मांग है कि इस पर कानून बनना चाहिए. जैसे यूपी में बना है, मध्यप्रदेश में बना है. योगी ने जो कानून बनाया है, वही कानून यहां पर भी लागू होना चाहिए.
फिलहाल कश्मीर में एक बार फिर अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार के सिलसिले में सिखों ने श्रीनगर से दिल्ली तक शिकायत की है. अब देखना होगा कि सिख समुदाय की अगवा बेटियां उनके परिवारों को वापस मिल पाती हैं या नहीं. वैसे पुलिस का कहना है कि 18 साल की एक दूसरी सिख लड़की को 29 साल के आरोपी की गिरफ्त से छुड़ा लिया गया है और आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
कश्मीर में हो रही क्रूरता, कौन-कौन लापता?
अब सवाल है कि बात-बात में सड़कों पर उतरकर अपनी छाती पीटने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य कहां हैं? आजादी-आजादी के नारे लगाने वाले लोग कहां हैं? मोमबत्ती गैंग, असहिष्णुता गैंग, अवॉर्ड वापसी गैंग, धर्म निरपेक्षता गैंग और डिजाइनर पत्रकार इस मसले पर आवाज बुलंद करने में आखिर क्यों संकोच कर रहे हैं? इसकी वजह बताने की जरूरत नहीं है.
मतलब साफ है कश्मीर में कश्मीरियत, जम्हूरियत, इंसानियत, अकलियत खतरे में है. जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर में जिहादी जहर फैल रहा है. यगां सिखों पर पाकिस्तान की तरह जुल्म की खबरें आने लगी हैं.
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कश्मीर में जो हुआ है ऐसी घटनाएं पाकिस्तान के सिंध प्रांत में आए दिन होती हैं, वहां हिंदू और सिख बेटियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है.
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