SC ने कहा- हमेशा के लिए सड़कें नहीं बंद कर सकते, किसान यूनियन ने दिल्ली पुलिस पर लगा दिए आरोप

किसान समूह के वकील से कोर्ट ने कहा कि उन्हें किसी भी तरह से आंदोलन करने का अधिकार हो सकता है लेकिन सड़कों को इस तरह अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 21, 2021, 05:21 PM IST
  • जानिए कोर्ट का पूरा बयान
  • किसान यूनियन ने भी दी सफाई
SC ने कहा- हमेशा के लिए सड़कें नहीं बंद कर सकते, किसान यूनियन ने दिल्ली पुलिस पर लगा दिए आरोप

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दोहराया कि किसान समूहों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन वे अनिश्चित काल तक सड़कों को बंद करके नहीं रख सकते. शीर्ष अदालत ने नोएडा निवासी एक महिला द्वारा दायर याचिका पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम), किसान संघों और अन्य किसान संघों से जवाब मांगा है, जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है कि नोएडा से दिल्ली के बीच यातायात सुचारू रूप से चले.

जंतर मंतर पर धरना देने को कहा
किसान समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि यदि रामलीला मैदान या जंतर मंतर पर धरना जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो सड़क नाकाबंदी समाप्त हो जाएगी.

सॉलिसिटर जनरल ने लताड़ा
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी ओर से गणतंत्र दिवस की हिंसा का हवाला दिया और इस बात पर जोर दिया कि किसान संघों के वादे के बावजूद ऐसा हुआ. किसानों ने 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली के दौरान कोई हिंसा नहीं होने का वचन दिया था.

कोर्ट ने कहा-सड़क बंद नहीं कर सकते
पीठ में न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश ने किसान समूह के वकील से कहा कि उन्हें किसी भी तरह से आंदोलन करने का अधिकार हो सकता है लेकिन सड़कों को इस तरह अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा, कि लोगों को सड़कों पर जाने का अधिकार है, इसे अवरुद्ध नहीं किया जा सकता.पीठ ने एसकेएम और अन्य किसान संघों को मामले में चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को निर्धारित की.

किसान यूनियन ने दी सफाई
राकेश टिकैत के नेतृत्व में दिल्ली- उत्तर प्रदेश की सीमा पर नवंबर 2020 से धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन और इसके समर्थकों ने कहा कि प्रदर्शन स्थल पर अवरोधक दिल्ली पुलिस ने लगाए हैं न कि किसानों ने. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा भारतीय किसान यूनियन ने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि सड़कों से अवरोध हटाने पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बाद वह गाजीपुर बार्डर खाली कर रहा है. 

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