राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला

जिस फैसले का इंतजार लंबे समय से सबको था, उस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, सुप्रीम कोर्ट ने क्या क्या कहा, जानिए पूरा फैसला 

Last Updated : Nov 9, 2019, 03:37 PM IST
    • विवादित ढांचा तोड़ना कानून व्यवस्था तोड़ने जैसी हरकत
    • विवादित स्थल को राम जन्मभूमि न्यास को सौंपा जाएगा
    • रातत्व विभाग ने अपनी खुदाई में मस्जिद मिलने की बात नहीं कही
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला

नई दिल्ली: अयोध्या राम मंदिर विवाद पर ऐतिहासिक फैसला आ गया है जिसका सबको इंतजार था. 1526 में बाबरी मस्जिद के निर्माण के बाद से ही जो रामलला विवाद का मामला फंसा हुआ था, उस पर 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने आज फैसला सुना दिया है. 

इस विवाद से जुड़े किन-किन मुद्दों पर बात हुई है और सुनवाई के दौरान क्या-क्या बातें निकल कर सामने आईं, उस पर एक नजर:-

- मुख्य न्यायाधीश ने कहा फैसला सुनाने में सिर्फ 30 मिनट का समय लूंगा
- शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज हो गई है
- निर्मोही अखाड़े की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई
- निर्मोही अखाड़े की याचिका लिटिगेशन से बाहर
- निर्मोही अखाड़े को सेवायत का अधिकार नहीं
- खुदाई में मिले सबूतों की अनदेखी नहीं की जा सकती है
- बाबर के समय में मीर बाकी ने मस्जिद बनवाई
- बाबर के दौर में मस्जिद बनाई गई
- 1949 में दो मूर्तियां रखी गईं
- बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी बनी थी
- पुरातत्व विभाग ने अपनी रिपोर्ट में मंदिर होने की बात कही थी
- पुरातत्व विभाग ने अपनी खुदाई में मस्जिद मिलने की बात नहीं कही
- आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में इस्लामिक ढांचा मिलने का जिक्र नहीं
- हिंदुओं का विश्वास है कि उसी स्थान पर भगवान राम पैदा हुए थे, इस विश्वास पर सवाल नहीं उठाया जा सकता
- हिंदुओं का मानना है कि गुंबदों के नीचे के स्थल पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था. यह एक विश्वास का मामला है
- आस्था और विश्वास के आधार पर मालिकाना हक का फैसला नहीं हो सकता, कानूनी आधार पर मालिकाना हक का फैसला होगा

आखिरकार सुलझा सबसे विवादित मसला, राम मंदिर से जुड़ी मुख्य बातों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.

- 12वीं से 16वीं शताब्दी तक क्या था, इसका कोई जिक्र नहीं है
- विदेशियों के लेखों में भी सीता रसोई और परिक्रमा का जिक्र आया है
- मुस्लिम पक्ष कब्जा साबित करने में नाकाम रहा है
- अंग्रेजों के समय 18वीं सदी तक यहां नमाज होने का कोई सबूत नहीं मिलता है
- मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने का पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं 
- विवादित ढांचा तोड़ना कानून व्यवस्था तोड़ने जैसी हरकत
- मुसलमानों को वैकल्पिक जमीन देने का आदेश, इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला तर्कसंगत नहीं
- सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक जमीन दिए जाने का आदेश
- मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन दी जाएगी
- विवादित स्थल को राम जन्मभूमि न्यास को सौंपा जाएगा
- रामलला विराजमान का दावा बरकरार
- अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर बनेगा
- अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हुआ

 

 

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